अयोध्या में श्रद्धालुओं को ट्रक ने रौंदा, सात की मौके पर मौत
गोरखपुर की तरफ से तेज रफ्तार ट्रक ने हाईवे के डिवाइडर पर सो रहे श्रद्धालुओं को रौंद दिया। सात श्रद्धालुओं ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है
अयोध्या (जेएनएन)। रामनगरी अयोध्या में सावन मेले में आए श्रद्धालुओं को आज तेज रफ्तार ट्रक ने रौंद दिया। डिवाइडर पर सो रहे इन श्रद्धालुओं में से सात ने मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि दर्जनों घायल है। ट्रक चालक भागने में सफल रहा।
कानुपर के यह सभी श्रद्धालु कल शाम ही अयोध्या पहुंच गए थे, लेकिन उनके वाहन को अयोध्या में प्रवेश नहीं दिया गया। श्रद्धालुओं के वाहन को बालूघाट के पास रोक दिया गया।
अयोध्या की मंडली करेगी आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में रामलीला
श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए प्रशासन की ओर से कोई इंतजाम नहीं था। लिहाजा काफी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या कोतवाली क्षेत्र के गोरखपुर-लखनऊ हाइवे पर बालूघाट पुलिस बूथ के निकट डिवाइडर पर ही सो रहे थे।
आज भोर में गोरखपुर से लखनऊ की ओर जा रही एक अनियंत्रित ट्रक ने अयोध्या कोतवाली के साकेत पेट्रोल पम्प के पास श्रद्धालुओं को रौंद दिया। हादसे के बाद हाइवे पर मौजूद श्रद्धालुओं में कोहराम मच गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहित गुप्ता ने घटना स्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।
हादसे ने सावन झूला मेला को लेकर की गई प्रशासनिक दावों और पुलिस व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। एसएसपी ने इस मामले में लापरवाही करने वाले पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करने की बात कही है। मृतकों में कानपुर जिले के शनिगांवा कांशीराम कॉलोनी निवासी भगवान प्रसाद तिवारी, उमाशंकर दूबे, लीला तिवारी, किशोरी तिवारी, गुडिया पांडेय, किशोरी मिश्र व एक अज्ञात शामिल हैं। घायलों में सोने लाल निवासी पसेका पुरवा पुलहलवली, शिवांगी तिवारी निवासी छतरापुर, गायत्री देवी निवासी विधुना, किशन मिश्र निवासी 83बी हरदेवनगर कररही, अभय मिश्र निवासी अज्ञात व अनूप पांडेय व अनिरूद्ध दूबे गंभीर रूप से घायल हैं। इन्हें लखनऊ रेफर कर दिया गया है।
अयोध्या विवाद का एक और युगावसान
पुलिस पर ट्रक ड्राईवर को भगाने का आरोप
घायलों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने ड्राईवर को पैसे लेकर भगा दिया। इतना ही नहीं हादसे के एक घंटे बाद पुलिस और एम्बुलेंस पहुंची।
रामनगरी अयोध्या के मनोरम किरदार थे हाशिम अंसारी
सवाल उठता है जब जिले में सावन मेला चल रहा है और लाखों श्रद्धालु मौजूद हैं ऐसे में एम्बुलेंस और अन्य इमरजेंसी सेवा को मुस्तैद होना चाहिए, लेकिन इस हादसे के दौरान ऐसा नहीं देखने को मिला।