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    इटावा में पांच नदियों के संगम 'पचनद', कार्तिक पूर्णिमा पूर्णिमा में क्यों बढ़ जाता इसका विशेष महत्व

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 05:22 PM (IST)

    इटावा के पचनद में कार्तिक पूर्णिमा पर पांच नदियों के संगम पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। यहां सती स्थल का विशेष महत्व है, जहां सुहागिनें सुहाग ...और पढ़ें

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    पचनद संगम जहां पर कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करेंगे श्रद्धालु। जागरण

    संवाद सहयोगी, जागरण, चकरनगर(इटावा)। इटावा का पचनद मेला। जहां पर पांच नदियों का संगम है। यमुना, चंबल, क्वारी, सिंध व पहुज नदियां, जिनके संगम को पचनद का नाम दिया गया। यहीं पर है सती स्थल। सुहागिनें सुहाग की सामग्री को यहां पर लाकर चढ़ाती हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर इसका विशेष महत्व है।

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    पचनद में कार्तिक पूर्णिमा पर मंगलवार की रात 12 बजे से शुरू होने वाले स्नान की तैयारियां पूरी कर ली गईं। श्रद्धालु पांच नवंबर को दिन भर स्नान करेंगे, इसे लेकर यूपी एवं मध्यप्रदेश के 12 से अधिक जनपदों के हजारों श्रद्धालु और साधु संत आस्था की डुबकी लगाने के बाद पूजा अर्चना कर बाबा भोलेनाथ से अर्जी लगाते हैं। प्रशासन की ओर से सुरक्षा की दृष्टि से एसडीआरएफ, स्थानीय गोताखोरों की टीम लगाई गई है।

    Pachanad Fair Etawah 1

    पचनद स्थित कालेश्वर बाबा का मंदिर। जागरण

    यहां से आते हैं लोग

    मध्य प्रदेश व जालौन सीमा से सटे तहसील चकरनगर के अंतर्गत यमुना, चंबल, क्वारी, सिंध व पहुज नदियों के संगम पचनद में कार्तिक पूर्णिमा पर भिंड, मुरैना, शिवपुरी, गुना, ग्वालियर, इटावा, औरैया, कानपुर नगर, कानपुर देहात, कन्नौज, उन्नाव, मैनपुरी, फिरोजाबाद, आगरा सहित विभिन्न जनपदों के हजारों श्रद्धालु स्नान के बाद ऐतिहासिक कालेश्वर मंदिर पर पूजा अर्चना कर मन्नत मांगेंगे। पूरे कार्तिक माह भोर में स्नान कर तुलसी जी की पूजा करने वाली विवाहिताएं अपने पति की दीर्घायु और अविवाहित युवतियां सुंदर वर मिलने की कामना के लिए भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करतीं हैं।

    ये है तैयारी

    एसडीएम ब्रह्मानंद सिंह कठेरिया ने बताया कि मेला स्थल पर साफ-सफाई से लेकर पेयजल की व्यवस्था, एसडीआरएफ टीम, स्थानीय गोताखोरों को पांच नाव सहित लगाया गया है। वाहन खड़े करने की भी समुचित व्यवस्था की गई है। मंदिर के चारों ओर रास्ते पर बिजली की समुचित व्यवस्था के अलावा जनरेटर भी लगाया गया है। महिलाओं के वस्त्र बदलने के लिए पंडाल लगाया गया है, स्वास्थ्य विभाग की टीम और एंबुलेंस भी लगाई गई है। मेला और स्नान पर्व की पूरी तैयारी कर ली गई है और मंगलवार की रात से स्नान पर्व शुरू हो जाएगा।

    जालौन में लगेगा मेला

    चकरनगर की सीमा से सटे संगम के दूसरी ओर जालौन में मेला लगेगा। लोग जालौन सीमा में स्नान पर बाबा साहब के मंदिर के दर्शन करेंगे। पचनद पहुंचने वाले लोग भी जालौन में दर्शन के लिए पहुंचेंगे।

    बकरी मेला और लगेगी प्रदर्शनी

    सीमा पर जालौन के गांव कंजौसा में बकरी मेले व बकरियों की प्रदर्शनी भी लगेगी। यहां बड़ी संख्या में खरीद फरोख्त के लिए दूर-दराज इलाकों से व्यापारी पहुंचेंगे।

    इधर, कार्तिक पूर्णिमा पर सती स्थल पूजन की तैयारी शुरू

    नगर के मुहल्ला छिपैटी स्थित प्राचीन सती माता स्थल, मुगल काल के समय का जौहर स्थल है। जब कुछ वहशी शव को अपवित्र करते थे, तब वीरांगनाओं ने स्वयं को अग्नि में भस्मीभूत किया था, जिसे सती माता स्थल कहा जाता है। यह लोगों की आस्था का केंद्र है। कार्तिक पूर्णिमा को सुहाग की सामग्री के साथ लोग सती स्थल को पूजते हैं। जन्म और विवाह के समय सती माता स्थल आकर आशीष लेते हैं। परिसर में एक स्वयंभू बोरेश्वर महादेव है, जो काफी प्राचीन है।

    यहां सैंकड़ों सती मठियां थीं

    छिपैटी निवासी अरविंद दीक्षित बताते हैं कि इस स्थल पर सैकड़ों सती मठियां बनीं थीं, जो वर्तमान में घटकर महज 20 के आसपास रह गईं हैं। यहां वंदन योजना के तहत एक करोड़ रुपये स्वीकृत हुआ है, जिससे महादेव मंदिर का सुंदरीकरण कार्य चल रहा है। लेकिन, सती माता स्थल के संरक्षण के लिए और अधिक धनराशि स्वीकृत किए जाने की आवश्यकता है। कहा कि पौराणिक दृष्टि से गौरवशाली धरोहर के रूप में संरक्षण की जरूरत है।