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    यूपी के इस जिले में एक के बाद एक बंदरों की हो रही मौत, पोस्टमार्टम में खुला मौत का राज

    Updated: Fri, 05 Dec 2025 03:48 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में बंदरों की लगातार मौतें हो रही हैं। ऑक्सीजन की कमी के कारण उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है और उनके अंग काम करना बंद ...और पढ़ें

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    संवाद सूत्र, इकदिल( इटावा)। इकदिल कस्बे में मंडी परिसर के पास शुक्रवार को चार और बंदरों की मौत हो गई। गुरुवार को 30 बंदरों की पांच दिनों में मौत की खबर सामने आई थी। पशु चिकित्सा विभाग द्वारा मृत बंदर के किए गए पोस्टमार्टम में सर्दी लगने के बाद आक्सीजन की कमी से दम घुटने से मौत होना बताया गया है। जिसके कारण उनके शरीर के अंग फेल हो रहे हैं।

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    पशु चिकित्साधिकारी डा. महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि एक बंदर का पोस्टमार्टम किया गया है। जिसमें बंदरों को सर्दी लगने के कारण उनका शरीर शिथिल पड़ जाता है। भोजन न मिलने के कारण लगातार शरीर कमजोर होता जाता है और शरीर के अंगों को पर्याप्त आक्सीजन नहीं मिलती है। सांस लेने में दिक्कत होती है, जिससे अंग फेल हो जाते हैं और उनके अंग काम करना बंद कर देते हैं।

     

    जांच में यह भी सामने आया है कि बंदरों की मौत तुरंत नहीं हो रही है बल्कि चार से पांच दिन में हो रही है। इनमें कुछ बंदर 10 से 12 साल के हैं जबकि कुछ चार से पांच साल के भी हैं। सर्दी बढ़ने पर खुले में सोने के कारण बंदरों पर सर्दी का असर हो जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ लोगों ने बंदरों के विषाक्त भोजन खाने की आशंका भी जताई थी। इस बात को भी देखा जाएगा और उसके सैंपल लेकर जांच कराई जाएगी।



    गुरुवार को कस्बे के मुख्य चौराहा पर मंडी परिसर, कांशीराम कालोनी, थाने के आसपास रहने वाले करीब एक दर्जन बंदरों की मौत हो गई थी।इससे पहले चार दिनों में 18 बंदरों की मौत हो गई थी। नगर पंचायत के अधिशाषी अधिकारी श्याम बचन सरोज मौके पर पहुंचे थे और लोगों से जानकारी हासिल की थी।

     

    उन्होंने बताया कि बंदरों को सर्दी से बचाने के लिए सुरक्षित स्थान की व्यवस्था की जाएगी। बताते चलें कि वर्ष 2017 में पुराना शहर में करीब डेढ़ दर्जन बंदरों की रहस्यमय ढंग से मौत हो गई थी। इस मामले में पशु चिकित्सा विभाग ने जांच की थी। लेकिन कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाया था।