...जब इशारों ने कहा 'हां', इंटरनेट पर मिला प्यार-न्यूजीलैंड तक पहुंची शादी; मुकम्मल हुई अनोखी प्रेम कहानी
इटावा में एक मूकबधिर प्रेमी युगल ने सातफेरे लिए हैं। इनके अनोखे प्रेम कहानी की चर्चा चारों ओर हाे रही है। यह कहावत सही साबित होती है कि जोड़ी ऊपर वाला बनाता है। चाहे जीवन साथी सात समंदर पार ही क्यों न हो। यूं तो प्रेम की कोई खास भाषा नहीं होती है लेकिन दो मूकबधिर लोगों ने एक-दूसरे से प्यार किया और शादी भी की।

अमित यादव, इटावा। यूं तो प्रेम की कोई खास भाषा नहीं होती है, लेकिन जब दो मूकबधिर लोग एक-दूसरे से प्यार करते हैं और शादी करते हैं, तो उनकी भावनाओं को समझने और महसूस करने के लिए पूरी दुनिया उनकी ओर आकर्षित होने लग जाती है। उनका प्रेम एक सपने की तरह पूरा होता है, और यह कहावत सही साबित होती है कि जोड़ी ऊपर वाला बनाता है। चाहे जीवन साथी सात समंदर पार ही क्यों न हो।
भरथना के रमायन गांव की मूकबधिर प्रियंका उर्फ निक्की और न्यूजीलैंड में होटल व रेस्टोरेंट व्यवसायी हरियाणा के मूकबधिर साहिल उर्फ सोहित करीब डेढ़ वर्ष पहले इंटरनेट मीडिया के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में आए थे। दोनों के बीच साइन लैंग्वेज (इशारे वाली भाषा) सेतु बनी और उनके दिल करीब आ गए।
जन्म से ही मूकबधिर थी युवती
प्रियंका के पिता मनोज राजौरे ने बताया कि पुत्री जन्म से ही मूकबधिर है। उसने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई भरथना से और उच्च शिक्षा कानपुर व लखनऊ से पूरी की है। प्रियंका ने न बोल पाने की कमजोरी को अपनी ताकत बना लिया। वह साइन लैंग्वेज सीखने के लिए इंटरनेट पर ज्यादा समय बिताती थी।
इंटरनेट पर हुई थी दोस्ती
इसी दौरान उसकी पहचान हरियाणा के मूकबधिर साहिल उर्फ सोहित से हुई थी। दोनों की दोस्ती प्रेम में बदल गई। स्वजन ने भी शादी की रजामंदी दे दी। साहिल का पूरा परिवार हरियाणा के फरीदाबाद में सेक्टर 17 में पैतृक घर से व्यापार के लिए न्यूजीलैंड चला गया था।
हरियाणा से आई थी बारात
साहिल शादी के लिए न्यूजीलैंड से हरियाणा आए और वहां से बारात लेकर मंगलवार शाम प्रियंका के घर के समीप स्थित गेस्ट हाउस पहुंचे। एक ही दिन में दोनों पक्षों ने शादी की सारी रस्में हिंदू रीति रिवाज से संपन्न कराई। बुधवार तड़के प्रियंका दूल्हे साहिल के साथ विदा होकर फरीदाबाद चली गई।
आस्था का नया संगम बना केदारेश्वर मंदिर
इटावा: उत्तराखंड के केदारनाथ की तर्ज पर इटावा सफारी पार्क के पास स्थापित किया गया केदारेश्वर मंदिर शिव भक्तों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र बन गया है। महाशिवरात्रि पर पूजा अर्चना के लिए बड़ी संख्या में शिव भक्त यहां पहुंचे। तमिलनाडु से आए वाद्य यंत्र कलाकार केदारेश्वर मंदिर पर अपनी शानदार प्रस्तुति देने में सुबह से ही जुट गए थे।
केदारेश्वर मंदिर को रंग-बिरंगी लाइटों और फूलों से सुसज्जित किया गया। इसके अलावा मंदिर परिसर में एक विशाल पंडाल भी बनाया गया था जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के बैठने का इंतजाम था। तमिलनाडु से करीब 35 पुजारी यहां पर आए जो बुधवार शाम छह बजे से गुरुवार सुबह छह बजे तक लगातार कई चक्र में पूजा अर्चना करेंगे।
गणेश पूजा से हुई शुरूआत
लगातार 12 घंटे तक चलने वाली पूजा की शुरुआत शाम छह बजे गणेश पूजा के साथ की गई। मंदिर के मुख्य द्वार पर नंदी की भव्य प्रतिमा की स्थापना की गई है। इस मंदिर की स्थापना समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव करवा रहे हैं।
करीब तीन साल से अधिक समय से इस मंदिर का निर्माण लगातार चलता चला जा रहा है, अभी मंदिर के पूर्ण होने में करीब एक वर्ष का समय और लगने की उम्मीद जताई जा रही है।
पिछले साल महाशिवरात्रि पर की गई थी स्थापना
केदारेश्वर मंदिर में नेपाल से लाई गई भव्य शालिग्राम शिवशिला की स्थापना पिछले साल महाशिवरात्रि पर की गई थी। शाम को सपा के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव पूजा में पहुंचे। मुलायम परिवार के अन्य सदस्य भी यहां पर पहुंचे।
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