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    अंधेरे में चल रहा था खनन, अधिकारी ने मारा छापा तो भागे माफिया, मौके पर मिले मिट्टी के टीले

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 11:26 PM (IST)

    जनपद में अवैध मिट्टी खनन का कारोबार लगातार जारी है। सितौरा मुसावली गांव में टीला काटकर किए जा रहे अवैध खनन की सूचना पर खनन विभाग की टीम मौके पर ...और पढ़ें

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    संवा दसूत्र, इकदिल। जनपद में अवैध मिट्टी खनन का काला कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार रात क्षेत्र के सितौरा मुसावली गांव में टीले काटकर किए जा रहे अवैध मिट्टी खनन की सूचना पर सोमवार रात खनन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, उससे पहले ही खनन माफिया हाइड्रा मशीन और डंपर लेकर भाग गए। मौके पर टीला कटा हुआ और मिट्टी के ढेर लगे मिले, जिसके बाद खनन अधिकारी ने संबंधित जमीन मालिक के खिलाफ एवं अज्ञात खनन से जु़ड़े लोगों पर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

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    स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार सितौरा मुसावली क्षेत्र में पिछले कई दिनों से रात के अंधेरे में अवैध खनन का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। हाइड्रा मशीनों और डंपरों का रात में जमावड़ा लग जाता है और सुबह होते-होते मिट्टी गायब हो जाती है।

    क्या है ग्रामीणों का आरोप?

    ग्रामीणों का आरोप है कि खनन माफिया रातों-रात मिट्टी खोदकर उसे बेच रहे हैं, जिससे क्षेत्र की जमीन और सड़कें बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। सोमवार रात जब सितौरा गांव में खनन शुरू हुआ तो किसी ने इसकी सूचना खनन विभाग को दे दी। खनन विभाग की टीम जब मौके पर पहुंची, तब तक माफिया हाइड्रा मशीन और डंपर लेकर भाग चुके थे।

    खनन अधिकारी बृज बिहारी ने बताया कि खनन की सूचना पर सितौरा में मौके पर पहुंचने पर कोई भी वाहन नहीं मिला, लेकिन टीला काटा गया था और मिट्टी के ढेर साफ दिखाई दे रहे थे। उन्होंने बताया कि जिस जमीन पर अवैध खनन किया गया है, उसके मालिक एवं खनन से जुड़े अज्ञात लोगों खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है।

    शिकायत के लिए अधिकारी सीयूजी नंबर उठाना नहीं समझते मुनासिब

    सितौरा मुसावली क्षेत्र में पिछले कई दिनों से रात के अंधेरे में कई मशीनों और डंपरों का जमावड़ा लग रहा है। स्थानीय ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह पूरा खेल ''अधिकारियों और पुलिस की सेटिंग के तहत चल रहा है। रातों-रात बड़े-बड़े मिट्टी टीलों को खोदकर डंपरों और ट्रैक्टरों के जरिए उन्हें बेची जा रही है।

    ग्रामीणों का कहना है कि अवैध ढंग से मिट्टी खनन के संबंध में जब ग्रामीणों द्वारा अवैध कार्य की सूचना देने और कार्रवाई की मांग के लिए विभागीय उच्चाधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया जाता है तो उन्होंने खनन अधिकारी सीयूजी फोन रिसीव नहीं करते। ग्रामीणों में इस बात को लेकर भारी रोष है कि जब जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारी ही जनता की बात नहीं सुनेंगे, तो खनन माफिया के हौसले क्यों नहीं बुलंद होंगे?