दांदरपुर मामले में नया मोड़, अब हत्थे चढ़ा मुख्य आरोपित, जानें पूरा मामला
इटावा में कथा वाचक मुकुट मणि और उनके सहयोगी के साथ हुई मारपीट के मामले में नया मोड़ आया है। पुलिस ने कार्रवाई की और कई लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए। जातीय संगठन प्रमुख गगन यादव की गिरफ्तारी और बाद में जमानत ने मामले को और उलझा दिया। अब मुख्य आरोपी के पकड़े जाने के बाद मामले की सुनवाई फिर से शुरू होगी।

जागरण संवाददाता, इटावा। दांदरपुर में जाति छिपाने वाले कथा वाचक की चोटी काटने के बाद पुलिस पर पथराव व बवाल करने के मामले में नया मोड़ आ गया है। इस मामले में नामजद अहीर रेजीमेंट के प्रमुख गगन यादव को पुलिस ने उसके घर मेरठ से गिरफ्तार कर लिया है। मंगलवार को उसे एसीजेएम चतुर्थ सर्वेश यादव के न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में केंद्रीय कारागार भेज दिया गया।
पुलिस ने इस मामले में गगन समेत 22 लोगों को नामजद किया था, जिसमें 21 आरोपितों की जमानत जिला अदालत से हो चुकी है। कथा वाचक मुकुट मणि यादव व उसके सहयोगी संतराम यादव को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 30 जुलाई को अग्रिम जमानत दे दी थी।
जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराता आरोपित गगन यादव। जागरण
ये है पूरा मामला
21 जून को कथा वाचक मुकुट मणि व उसके सहयोगी संत राम यादव की चोटी काटने के बाद मारपीट की गई थी। घटना के एक दिन बाद सपा सांसद जितेंद्र दोहरे व भरथना विधायक राघवेंद्र गौतम ने वीडियो प्रचलित करके घटना को राजनैतिक रंग दे दिया था।उनके 23 जून को कथा वाचक के साथ कचहरी पहुंचकर एसएसपी से मिलने के बाद पुलिस हरकत में आई। 23 जून को सहयोगी संतराम यादव ने दो नामजद समेत 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मारपीट, अभद्रता व लूट का मुकदमा दर्ज कराया था।
दूसरे पक्ष ने जताई थी नाराजगी
दूसरे पक्ष की नाराजगी के बाद शासन के हस्तक्षेप पर 24 जून को भागवत कथा के मुख्य यजमान की पत्नी ने मुकुट मणि यादव व संतराम के विरुद्ध फर्जी आधारकार्ड पाए जाने को लेकर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। दोनों मामलों की जांच एडीजी कानपुर जोन ने एसएसपी ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव के अनुरोध पर झांसी जनपद स्थानांतरित कर दी थी।वहां के पूंछ थाने के प्रभारी निरीक्षक जेपी पाल को मामले की जांच सौंपी गई थी। कथा वाचक मुकुट मणि व संतराम ने लखनऊ पहुंचकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी मुलाकात की थी।
जाम कर दिया था हाईवे
26 जून को इस घटना के विरोध में एक संगठन प्रमुख गगन यादव ने अपने समर्थकों से बकेवर पहुंचने का इंटरनेट मीडिया के माध्यम से आव्हान किया था और बड़ी संख्या में आसपास के एक दर्जन जिलों से करीब डे़ढ हजार समर्थक बकेवर पहुंच गए थे। हालांकि पुलिस को इतनी बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने का अंदाजा नहीं था। पुलिस की तैयारी पूरी थी, फिर भी गगन यादव के समर्थकों ने आगरा- कानपुर हाईवे को जाम कर दिया था और दांदरपुर गांव की ओर कूंच करते हुए पुलिस से भिड़ गए थे, जिसमें पथराव व हवाई फायरिंग भी हुई थी। गगन यादव को पुलिस ने आगरा में ही नजर बंद कर लिया था। इसके समर्थक नाराज थे, 26 जून को बवाल के बाद पुलिस ने गगन यादव सहित 22 लोगों को नामजद किया था जिसमें 21 की जमानत स्थानीय अदालत से हो गई थी।
गगन यादव को समाजवादी पार्टी ने भाजपा का एजेंट बताया था और पूरे बवाल से पल्ला झाड़ लिया था। कथा वाचक को न्याय देने की मांग की थी। कथा वाचक मुकुट मणि यादव व उसके सहयोगी संतराम यादव को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 जुलाई को अग्रिम जमानत दे दी थी। गगन यादव को मंगलवार को मेरठ स्थित अपने घर से पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। कथा वाचक द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमें में चार आरोपित आशीष तिवारी, उत्तम अवस्थी, प्रथम दुबे व निक्की अवस्थी को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या चार सर्वेश यादव की अदालत से चार सितंबर को जमानत मिल चुकी है। इस मामले में झांसी पुलिस ने कथा वाचक द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमें में चार्जशीट में चारों आरोपितों के खिलाफ लूट की धारा को हटा दिया था। जिसके आधार पर स्थानीय न्यायालय ने ही चारों आरोपितों को जमानत दे दी थी। अब गगन यादव के जेल जाने के बाद सभी आरोपित न्यायालय में हाजिर हो चुके हैं। मामले की सुनवाई अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या चार में चलेगी।
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