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    10 हजार रुपये रोज खर्च से सुधर रही शेरनी ग्रीष्मा की हालत

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Thu, 22 Sep 2016 09:50 PM (IST)

    इटावा सफारी पार्क में केनाइन डिस्टेंपर की बीमारी से जूझ रही शेरनी ग्रीष्मा पर लगभग 10 हजार रुपये प्रतिदिन खर्च हो रहा है।

    इटावा (जेएनएन)। इटावा सफारी पार्क में केनाइन डिस्टेंपर की बीमारी से जूझ रही शेरनी ग्रीष्मा पर लगभग 10 हजार रुपये प्रतिदिन खर्च हो रहा है। शेरनी को बीमार हुए लगभग 81 दिनों से ऊपर हो गया है। हालांकि उसकी हालत में पहले से सुधार हो रहा है। अब तक उसकी बीमारी पर लगभग आठ लाख रुपये वन विभाग खर्च कर चुका है।

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    ग्रीष्मा तीन जुलाई को लकवा मार गया था जिसके कारण उसके पीछे के अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। वह बिल्कुल जमीन पर बैठ गई थी। जांच रिपोर्ट में केनाइन डिस्टेंपर बीमारी का अटैक पाया गया था। उसको ठीक करने को लेकर वन विभाग ने रात दिन एक कर दिया। अमेरिका, लंदन से लेकर देश के बड़े-बड़े पशु वैज्ञानिकों से उसको ठीक करने के लिए सलाह ली गई थी। बीमारी के कारण ग्रीष्मा के लिवर और किडनी ने भी काम करना बंद कर दिया था। उसको पेशाब की नलियां डाली गयी थीं। प्रतिदिन 20 बोतल ग्लूकोज चढ़ाई जा रही है। काफी संख्या में एंटीबायोटिक दवाइयां दी गई हैं। मल्टीपल बीमारी होने की वजह से ग्रीष्मा का इलाज कई तरीके से किया गया। उसके घावों की रोजाना तीन घंटे तक ड्रेसिंग की जाती है। यही नहीं कई तरह के एंटीलोशन व ट्यूब्स भी ग्रीष्मा को लगाए जा रहे हैं। हालांकि अभी तक घावों में बहुत ज्यादा सुधार नहीं हुआ है। इतना जरूर हुआ है कि ग्रीष्मा ने अब भोजन लेना शुरू कर दिया है। अब वह रोजाना पांच से छह किलो तक मीट खा रही है। इटावा सफारी पार्क के डॉक्टर उसके लिवर को ठीक करने में कामयाब हुए हैं। इटावा सफारी पार्क के निदेशक डा.संजय श्रीवास्तव ने बताया कि ग्रीष्मा के इलाज में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई है। शेरनी को बचाना ही उनकी पहली प्राथमिकता थी। इसके लिए प्रदेश सरकार ने पूरी मदद की है। शेरनी फिलहाल स्थिर है।