सपा प्रमुख अखिलेश यादव का BJP पर वार कहा- GST बदलाव से गरीबों को नहीं मिलेगा कोई फायदा
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर जीएसटी को लेकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू करते समय व्यापारिक व्यवस्था सरल होने का दावा किया गया था लेकिन अब गरीबों को राहत देने के नाम पर स्लैब में बदलाव किया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि यह बदलाव किसके हित में है और अब तक कौन मुनाफा कमा रहा था।

जागरण संवाददाता, इटावा। जीएसटी में बदलाव को लेकर अखिलेश यादव ने भाजपा को घेरा। उन्होंने कहा, आखिर जीएसटी में अब संशोधन की जरूरत क्यों पड़ी? यह संशोधन किसके लिए हुआ है। इससे गरीबों को क्या फायदा होगा। उन्होंने कहा कि आखिर किसे फायदा पहुंचाया जा रहा है यह सरकार को बताना चाहिए।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को सैफई में पत्रकारों से बातचीत के दौरान भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जब जीएसटी लागू किया गया था, तो यह दावा किया गया था कि इससे व्यापारिक व्यवस्था सरल होगी और कारोबारियों को फायदा पहुंचेगा। लेकिन अब भाजपा सरकार गरीबों को राहत देने के नाम पर जीएसटी स्लैब में बदलाव करने को मजबूर हो चुकी है।
यह बदलाव किसे हित में
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सवाल उठाए कि यह बदलाव असल में किसके हित में किया जा रहा है। इससे गरीबों को कोई लाभ नहीं होगा। लेकिन अब सरकार ने गरीबों के हित के नाम पर जीएसटी स्लैब में बदलाव करने की स्थिति स्वीकार की है। उन्होंने सवाल किया कि आखिरकार अब तक कौन मुनाफा कमा रहा था और किसको फायदा पहुंचाया जा रहा है।
#WATCH | Etawah, UP | On #GSTReforms, SP chief Akhilesh Yadav says, "... When GST was implemented, it was said that trade would increase, with this law coming into effect, traders and businessmen would be able to pay their taxes... Perhaps this is the first law in which so many… pic.twitter.com/aYV1tvfUDg
— ANI (@ANI) September 7, 2025
दिल्ली की हालत खराब है
अखिलेश यादव ने कहा, अब प्रदेश में चुनाव का लगभग एक साल का समय बचा है। हम भाजपा सरकार के नौ बजट देख चुके हैं, आखिरी बजट आने वाला है। दिल्ली की सरकार तीसरी बार चल रही है। फिर भी हालात खराब होते जा रहे हैं। हर बार यह बताया गया कि जीएसटी से व्यापार बेहतर होगा, लेकिन इसके उलट अब कई संशोधन करना पड़े। गरीबों को लाभ पहुंचाने के नाम पर स्लैब में बदलाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुनाफाखोरी की आदतें इतनी गहराई से जड़ें जमा चुकी हैं कि कोई भी संशोधन उसे नहीं रोक सकता।
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