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    अब 'पानी' पिलाकर जहरखुरानी

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    Updated: Sat, 30 Jun 2012 07:21 PM (IST)

    इटावा, कार्यालय प्रतिनिधि : मौसम गर्मी का चल रहा है। स्वाभाविक तौर पर प्यास लगने पर हलक जल्दी-जल्दी सूखता है। ऐसे में जहरखुरानों का नया हथियार बना है 'पानी'। सुनने में अटपटा लगेगा पर बात सौ फीसदी सही है। लड्डू, बिस्कुट और खान-पान की अन्य चीजों से इतर जहरखुरानों ने पानी में नशीला इंजेक्शन और दवाओं का इस्तेमाल कर लोगों को लूटने का नया तरीका ईजाद किया है। नींद की दवाओं का इस्तेमाल करने से उन्हें गुरेज नहीं।

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    रंगविहीन पानी में अगर किसी भी पदार्थ को मिलाया जाए तो आसानी से पकड़ में आ जाता है। यात्रा के दौरान साथी यात्रियों से पानी मांगकर पीना आम बात है। समझदार यात्रियों को लगता है कि खान-पान की चीजों में तो गड़बड़ी हो सकती है, कम से कम पानी में तो मिलावट नहीं होगी। यात्रियों की इसी समझदारी का फायदा उठाकर जहरखुरान अपने गोरखधंधे को अंजाम दे रहे हैं।

    डेढ़ माह में जिला अस्पताल में भर्ती हुए जहरखुरानी के शिकार लोगों में से कुछ ने पानी पीने के बाद खुद के लुटने की दास्तां बयां की थी। विशेषज्ञों की मानें तो पानी में घुलने वाले ऐसे कई नशीले इंजेक्शन व नींद की टेबलेट हैं जिनका प्रयोग कर यात्रियों को ठगा जा सकता है। इन दवाओं को इस्तेमाल करने का तरीका भी रोचक है। जानकार बताते हैं कि मुख्य रूप से इंजेक्शनों में वेलियम, डाइजापाम, मेंडीजोलम, फोर्टबिन, कैटामिन, पिनारगन, फैरिनेट आदि का इस्तेमाल पानी के साथ किया जाता है। बेहोशी का असर यात्री पर लंबे समय तक रहे, इसके लिए जहरखुरानों द्वारा पानी में ही दो-तीन कंपोजीशन मिला दिए जाते हैं।

    इंजेक्शन के अलावा नींद और नशे की कई दवाएं भी पीस कर पानी में मिला दी जाती हैं। इन दवाओं को बारीक पीस कर कपड़े से छान लिया जाता है, दवाओं का ठोस पदार्थ (खड़िया आदि) तो कपड़े में रुक जाता और एसेंस को पानी में घोल दिया जाता है। ऐसे में पानी का रंग भी नहीं बदलता है और साथी यात्री को शक भी नही होता है। जानकार बताते हैं कि इन दवाओं का असर तुरत-फुरत होता है। छह घंटे से लेकर तीन दिन तक व्यक्ति अर्ध बेहोशी की अवस्था में रहता है। अगर इन दवाओं के इस्ेतमाल करने पर पानी का रंग हल्का बदलता भी है तो जहरखुरान कोल्ड ड्रिंक की रंगीन बोतलों (दो लीटर) का प्रयोग करते हैं।

    कब-कब हुई जहरखुरानी

    -15 मई : नोएडा से किराये पर लेकर वृंदावन के पास लूटी गई जायलो कार इटावा के विजयनगर में बरामद। लूट में शामिल 4 अभियुक्तों में से गिरफ्तार योगेंद्र सिंह निवासी कामेत के मुताबिक एक फौजी ढाबा से पानी की बोतल खरीदकर कार के मुख्य चालक सुरेश चंद्र निवासी भोजपुर चण्डौस अलीगढ़ को बेहोश किया गया था।

    -19 मई : दिल्ली से बस से आते मुकेश उर्फ सोनू निवासी पृथ्वीपुर इकदिल को बेहोश कर 30 हजार रुपये उड़ाए गए। हरियाणा के बहादुरगढ़ से ट्रेन से आते प्रदीप शर्मा निवासी हरवंश मोहाल कानपुर जहरखुरानी के शिकार। यूसुफ उर्फ कल्लू निवासी कसारी बेला औरैया को बेहोश कर लूटा गया।

    -21 मई : रोडवेज बस से दिल्ली से सवार पवन कुमार निवासी सगरा चकरनगर को पानी पिलाकर बेहोश कर लूटा गया।

    -23 मई : दिल्ली से रोडवेज बस में इटावा आ रहे रामू निवासी छिबरौली चकरनगर को बगल में पहले से बैठे यात्री ने पानी पिलाया। पानी पीकर वह बेहोश हो गया तो नकदी, जेवरात, दो मोबाइल सेट लूट लिए गए।

    -3 जून : भरथना रेलवे स्टेशन पर तूफान एक्सप्रेस से बेहोशी की हालत में उतारे गए रेलवे स्टेशन मास्टर बिंदकी फतेहपुर विद्याराम निवासी नगला दया चौबिया की जहरखुरानी से मौत।

    -23 जून : रोडवेज बस में दिल्ली से चले धर्मवीर निवासी बिचपुरी खेड़ा, वैदपुरा को बेहोश कर मोबाइल, 8 हजार रुपये व अन्य सामान लूटा गया।

    'जहरखुरानी करने वाले ऐसी गोली का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें स्वाद नहीं होता। जहरखुरानी करने वाले यह तरीका इसलिए अपनाते हैं ताकि उन पर सहज तौर पर शक न हो सके। भर्ती हुए लोगों ने इसका खुलासा होश में आने पर किया।'

    डा. बीएस अग्निहोत्री, सीएमएस

    'यात्रियों को पानी और खाद्य पदार्थो के मामले में सावधानी बरतनी चाहिए। किसी भी अपरिचित शख्स से खान-पान की चीज न लेने में ही समझदारी है। बस स्टेशनों पर एनाउंस कर यात्रियों को इस संबंध में सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।'

    आरिफ सकलैन, आरएम रोडवेज

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