Weather Update: हवा और तेज बारिश से धान पर नुकसान का खतरा! कृषि विभाग ने दी किसानों को सावधानी बरतने की सलाह
एटा में मौसम बदलने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। खेतों में तैयार धान की फसल पर बारिश और तेज हवाओं का खतरा मंडरा रहा है। खासकर धान की 1718 किस्म को नुकसान होने की आशंका है। कृषि विभाग ने किसानों को सावधानी बरतने की सलाह दी है क्योंकि आने वाले दिनों में बारिश की संभावना है। इस मौसम बदलाव से किसान चिंतित हैं।

जागरण संवाददाता, एटा। जिले में मौसम ने मंगलवार तड़के अचानक करवट ले ली। सुबह से ही आसमान पर बादलों का डेरा और बीच-बीच में गड़गड़ाहट ने लोगों को चौंकाए रखा। दिनभर रुक-रुक कर बूंदाबांदी और बीच-बीच में तेज हवाओं के साथ वर्षा ने किसानों की चिंताएं बढ़ाने का काम किया।
धान की 1718 प्रजाति पर नुकसान के मंडरा रहे हैं बादल
इस समय खेतों में अगैती धान की फसल पककर तैयार हो चुकी है, वहीं धान की 1718 प्रजाति पर बाली आ चुकी है। उमरायपुर निवासी किसान महीपाल का कहना है कि फसल के इस नाजुक दौर में तेज हवा और वर्षा सबसे बड़ा खतरा साबित हो सकती है। यदि लगातार वर्षा होती रही तो पक चुकी फसल गिरने के साथ ही खराब हो सकती है। वहीं, जिन खेतों में बाली आ चुकी है, वहां धान के गिरने और सड़ने का भी खतरा मंडरा रहा है। मौसम की इस अचानक बदली चाल से किसान खासे चिंतित दिखाई दिए।
मंगलवार को वर्षा होने से कुछ किसानों की फसल जमीन पर गिरी
गांव दरिगपुर निवासी किसान राजीव कुमार ने बताया कि वे कटाई की तैयारी कर रहे थे, लेकिन मौसम के बदलने से अब पूरी फसल पर खतरा मंडरा गया है। वर्षा से खेतों में पानी भरने का भी डर है, जिससे धान की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है। वहीं तेज हवाओं के साथ हुई वर्षा की वजह से 1718 धान की प्रजाति गिर गई है, इसमें नुकसान होना तय है। किसानों ने कहा कि एक ओर जहां लागत पहले से ही बढ़ी हुई है, वहीं मौसम की मार से नुकसान होने पर स्थिति और खराब हो जाएगी।
किसानों को सावधानी बरतने की सलाह
जिला कृषि अधिकारी डॉक्टर मनवीर सिंह ने बताया कि मंगलवार को तेज हवाओं के साथ वर्षा हुई है, इससे नुकसान आंशिक रूप से होने की संभावनाएं हैं। अगर तेज हवाओं के साथ आगे भी वर्षा होती है तो नुकसान हो सकता है।
मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर मनीष कुमार ने कहा है कि आने वाले दिनों में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना बनी हुई है। ऐसे में किसानों को सावधानी बरतने और फसल को सुरक्षित रखने की सलाह दी गई है। मौसम की इस करवट ने जहां लोगों को ठंडक का अहसास कराया है, वहीं किसान चिंता की लकीरों में डूबे नजर आ रहे हैं।
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