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    Etah News: जमीन के फर्जीवाड़े को लेकर SDM, तहसीलदार सहित 17 पर रिपोर्ट दर्ज, कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुई FIR

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 06:48 PM (IST)

    एटा में जमीन के फर्जीवाड़े को लेकर एसडीएम तहसीलदार समेत 17 लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई है। आगरा की महिला ने शिकायत की थी कि उसकी जमीन पर फर्जी कागजात से कब्जा कर लिया गया। महिला का आरोप है कि तहसील के अधिकारियों ने मिलीभगत करके फर्जी बैनामा कर दिया। अदालत के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है।

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    जमीन के फर्जीवाड़े को लेकर एसडीएम, तहसीलदार सहित 17 पर रिपोर्ट।- सांकेति‍क तस्‍वीर

    जागरण संवाददाता, एटा। जमीन के फर्जीवाड़े को लेकर तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार और राजस्व निरीक्षक सहित 17 के विरुद्ध प्राथमिकी कराई गई है। मामले की शिकायत आगरा के एत्मादपुर क्षेत्र में रहने वाली महिला ने की है। अदालत के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है।

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    कंठश्री पुत्री स्व. बनारसीलाल पत्नी शिवराम उर्फ बालिस्टर निवासी ग्राम खरगा दोहरा थाना एत्मादपुर जिला आगरा ने अदालत में दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि उसकी कृषि भूमि और प्लाट पर फर्जी अभिलेखों के आधार पर दूसरों को कब्जा दिला दिया गया। महिला ने प्रार्थना पत्र में कहा कि उनके पिता का निधन एक जनवरी 2016 को हो गया था। इसके बाद यह संपत्ति उनके नाम हो गई और वारिसान में नाम दर्ज हो गया।

    28 फरवरी 2018 को होली के अवसर पर वह पैतृक गांव खटौटा थाना अवागढ़ तहसील जलेसर पहुंची। तभी विजय, सत्यवान, प्रेमवती यादव आ गए और कब्जा करने की धमकी देने लगे। गाली-गलौज करके वहां से भगा दिया। आरोपितों का कहना था कि उन्होंने इस जमीन का बैनामा करा लिया है। तहसील में पता चला कि तत्कालीन एसडीएम महीपाल सिंह, तहसीलदार वीके छत्रपति, लेखपाल महेश यादव और तत्कालीन राजस्व निरीक्षक आदि ने पत्रावली का फर्जी निस्तारण कर दिया।

    पिता के मकान पर जाकर देखा तो कायम सिंह, पदम सिंह, विजय सिंह, सत्यवीर, धर्मवीर, रामजीलाल निवासी खटौटा ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा था। कागजात मांगे तो आरोपितों ने नहीं दिखाए।  एसडीएम ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। यह कह दिया कि अब यह जमीन तुम्हारी नहीं है।

    फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आरोपितों ने बैनामा करा लिया। महिला ने छह मई 2025 को आइजीआरएस पोर्टल पर शिकायत की। इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। महिला का कहना है कि उनके पिता ने जमीन बेची ही नहीं तो फिर दूसरे की कैसे हो गई। तहसील के अधिकारी, कर्मचारियों की मिलीभगत से यह सब हुआ है। इसके बाद अदालत ने 17 आरोपितों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए।

    इनके विरुद्ध दर्ज हुई रिपोर्ट

    पूर्व उप जिलाधिकारी महीपाल, तहसीलदार वीके छत्रपति, लेखपाल महेश यादव, अज्ञात राजस्व निरीक्षक, विजय सिंह, सत्यवीर, धर्मवीर, शिवराज, संतुआ, अमित, विजय कुमार, सत्यभान सिंह, प्रेमवती, आधार सिंह, प्रदीप यादव, पदम सिंह, कायम सिंह।

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