GST Fraud: जीएसटी में ढाई करोड़ का घपला, असिस्टेंट कमिश्नर सहित तीन पर FIR दर्ज
एटा में जीएसटी असिस्टेंट कमिश्नर समेत तीन कर्मचारियों पर ढाई करोड़ रुपये के घपले का मामला दर्ज हुआ है। इन पर आरोप है कि इन्होंने बोगस फर्मों को फर्जी तरीके से आइटीसी रिफंड दिलाया जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ। जांच में पाया गया कि असिस्टेंट कमिश्नर सुशील कुमार और तत्कालीन राज्यकर अधिकारी प्रशांत कुमारी ने प्रधान सहायक दुष्यंत कुमार के साथ मिलकर यह घोटाला किया।

जागरण संवाददाता, एटा। जलेसर की बोगस फर्मों को ढाई करोड़ से अधिक की राशि आइटीसी रिफंड देने के मामले में जीएसटी के असिस्टेंट कमिश्नर समेत तीन कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। शासन इन तीनों को पहले ही निलंबित कर चुका है।
हाल ही में जलेसर में मारे गए छापों के दौरान पांच बोगस फर्में सामने आईं थीं, जिनके संचालकों के विरुद्ध एफआइआर भी दर्ज कराई गई थी।पिछले सप्ताह डायरेक्टर जनरल आफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीओजीआई) के निर्देशन में हुई कार्रवाई में एटा, कानपुर, लखनऊ, आगरा, अलीगढ़ से पहुंचीं जीएसटी टीमों ने जलेसर में छापेमारी की थी।
इस दौरान बोगस फर्म सृष्टि एंटरप्राइजेज, मैसर्स ओम आर्टिफिशियल, मैसर्स निधि एंटरप्राइजेज, जैन एंटरप्राइजेज, श्याम एंटरप्राइजेज को पकड़ा था। फर्जी प्रपत्रों के आधार पर इन फर्मों ने 2.57 करोड़ रुपये रिफंड भुगतान प्राप्त किया था। 28 अगस्त को जीएसटी अधिकारी ने इन फर्मों के संचालकों सोनू कुशवाह, अन्नू वार्ष्णेय, विकास बघेल, दीपांकर भारती, सुमित कुमार के विरुद्ध कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। इन बोगस फर्मों को गिलट और पीतल के आभूषण बनाने के नाम पर पंजीकृत कराया था।
गिलट कारोबारियों ने रेहड़ी वालों के नाम पर फर्जी फर्में बना ली थीं।राज्य कर अधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि जांच में पाया गया कि असिस्टेंट कमिश्नर खंड-दो सुशील कुमार द्वारा 75.34 लाख रुपये एवं तत्कालीन राज्यकर अधिकारी प्रशांत कुमारी ने 1.81 करोड़ का रिफंड प्रधान सहायक दुष्यंत कुमार (कार्यालय उपायुक्त राज्यकर खंड इटावा) के सहयोग से फर्मों से मिलीभगत कर जारी कर दिया। इससे शासन को हानि हुई। कोतवाली पुलिस ने तीनों के खिलाफ गबन के मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
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