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    ये कैसा सिस्टम! 8वीं पास और नौ साल करता रहा सरकारी नौकरी, फर्जी कागजातों से शिक्षक बना युवक अब हुआ गिरफ्तार

    Updated: Tue, 04 Mar 2025 10:22 AM (IST)

    UP Fake Teacher Arrests Update एटा के राजा का रामपुर में एक फर्जी शिक्षक को गिरफ्तार किया गया है। वह सिर्फ 8वीं पास है और फर्जी कागजातों पर 9 साल तक नौकरी करता रहा। शिकायत के बाद जांच में मामला पकड़ा गया और उसे बर्खास्त कर दिया गया। पिछले साल एफआईआर दर्ज हुई और अब उसे जेल भेजा गया है।

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    एटा : राजा का रामपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया फर्जी शिक्षक राजकुमार यादव। जागरण

    जागरण संवाददाता, एटा। बेसिक शिक्षा विभाग के एक फर्जी शिक्षक को राजा का रामपुर पुलिस ने मैनपुरी जिले से गिरफ्तार किया है। वह सिर्फ कक्षा आठ तक पढ़ा हुआ है जो फर्जी कागजातों पर नौ वर्षों तक वह नौकरी करता रहा। एक शिकायत होने पर मामला पकड़ में आया और जांच हुई। इसके बाद उसे बर्खास्त भी किया गया और फिर पिछले वर्ष एफआइआर भी दर्ज हुई थी। उसे जेल भेजा गया है।

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    कोतवाली नगर क्षेत्र मैनपुरी के मोहल्ला ग्वालटोली निवासी राजकुमार यादव की नियुक्ति वर्ष 2015 में बेसिक शिक्षा विभाग में थाना राजा का रामपुर क्षेत्र के गांव इमादपुर स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर हुई थी। इसके बाद वह इत्मीनान से नौकरी करता रहा, उसे विज्ञान विषय दिया गया था।

    वर्ष 2023 में मैनपुरी के ग्वालटोली मुहल्ला के ही रहने वाले श्रीकांत के पुत्र विजेंद्र सिंह ने जिला बेसिक शिक्षाधिकारी से शिकायत की और साक्ष्य भी दिए। शिकायत में बताया कि शिक्षक ने हाईस्कूल, इंटर, बीएड से लेकर टीईटी तक के कागजात फर्जी लगाए।

    जांच में मिले थे सभी कागज फर्जी

    मामले की जांच तत्कालीन खंड शिक्षाधिकारी मुकेश कुमार सौंप दी गई। उन्होंने जांच में सभी कागजात फर्जी पाए। इसके बाद खंड शिक्षाधिकारी ने 20 दिसंबर 2023 को राजा का रामपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए तहरीर दी और एफआइआर दर्ज कर ली गई।

    रिपोर्ट दर्ज होने के बाद जिला बेसिक शिक्षाधिकारी ने आरोपित शिक्षक की सेवा समाप्त कर दी। तब से यह फर्जी शिक्षक निरंतर पुलिस को चकमा दे रहा था। उसके ठिकानों पर कई बार दबिश दी गई, लेकिन पुलिस के हाथ नहीं लग रहा था। यहां तक कि उसने अपने मोबाइल नंबर तक बदल लिए थे।

    फाइल फोटो।

    मैनपुरी का रहने वाला है आरोपित

    आरोपित मूल रूप से भले ही मैनपुरी जिले का रहने वाला है, लेकिन उसने अभिलेखों में अपना पता मोहल्ला यादव नगर कोतवाली शिकोहाबाद जनपद फिरोजाबाद भी दर्शाया था। इसलिए पुलिस उसे दाेनों ही जिलों में तलाश कर रही थी। रविवार रात पुलिस को सटीक सूचना मिली कि आरोपित शिक्षक अपने मैनपुरी स्थित घर पर मौजूद है। इस सूचना पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंच कई और आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। रात 11 बजे थाने लाकर उससे पूछताछ की गई और सोमवार को पुलिस ने अदालत में पेश किया, जहां से जेल भेज दिया गया।

    राजा का रामपुर के थाना प्रभारी निरीक्षक किशोरीलाल मीणा ने बताया कि आरोपित शिक्षक के विरुद्ध थाने में मुकदमा दर्ज था, पुलिस काफी समय से इसकी तलाश कर रही थी, लेकिन वह चकमा देकर भागा हुआ था। मैनपुरी से उसे गिरफ्तार किया गया है और जेल भेजा गया है।

    शिकायत न होती तो करता रहता नौकरी?

    हैरत की बात है कि फर्जी शिक्षक की अगर शिकायतकर्ता अधिकारियों से शिकायत न करते तो वह सबकी आंखों में धूल झोंककर नौकरी करता रहता। सवाल यह भी है कि छात्रों को वह क्या पढ़ाता रहा, जबकि उसकी डिग्रियां ही फर्जी थीं। शिक्षा विभाग स्वत: उसके कागजात तक चैक नहीं कर पाया और वह आराम से नौकरी करता रहा। यह भी बताया गया है कि कुछ समय तक उसने शिकोहाबाद से अप-डाउन कर ड्यूटी की।

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    10 लाख रुपये में दूसरे राजकुमार के खरीदे थे कागज

    खंड शिक्षाधिकारी द्वारा जब जांच की गई तो कई चौंकाने वाले तथ्य मिले। आरोपित सिर्फ कक्षा आठ तक पढ़ा हुआ है और उसने शिक्षक बनने का सपना देख डाला। जांच में साफ हुआ कि फर्जी शिक्षक ने किसी राजकुमार नाम के युवक के कागजात 10 लाख रुपये में खरीद लिए थे, लेकिन यह पता नहीं चल पाया कि कागजात बेचने वाला कहां का है। उसके अंकपत्रों पर आरोपित ने अपना नाम, पता दर्शाया।