Etah News: मकान पर वन विभाग ने किया कब्जा, फंदे पर लटक गया नाराज युवक; दो घंटे तक नहीं उठाने दिया शव
एटा के मलावन क्षेत्र में मकान अधिग्रहण से नाराज एक युवक ने पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वन विभाग ने युवक का मकान अधिग्रहित किया था जिससे वह बेघर हो गया था। ग्रामीणों ने शव को उतारने से मना कर दिया जिसके बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों और विधायक ने मुआवज़े का आश्वासन दिया। डीएम ने मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की है।

जागरण संवाददाता, एटा। थाना मलावन क्षेत्र में मकान अधिग्रहण से नाराज युवक ने सोमवार सुबह को पेड़ पर फंदा लगा जान दे दी। वन विभाग द्वारा मृतक के मकान का अधिग्रहण किया था। युवक घर विहीन हो गया था। हालांकि वन विभाग की तरफ से मृतक को रहने को दीवार लगवा कर टीन शेड तैयार कराया था।
घटना के बाद नाराज ग्रामीणों ने दो घंटे तक शव नहीं उतरने दिया। मामला बढ़ता देख तहसील के कई अधिकारी और सदर विधायक मौके पर पहुंचे। मकान के लिए भूमि आवंटित करने एवं आर्थिक मदद का आश्वासन दिया, तब गांव वाले माने और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
वन विभाग को प्रशासन ने दी थी 125 बीघा जमीन
थाना मलावन क्षेत्र के गांव सकतपुर निवासी 35 वर्षीय हरीसिंह सोमवार तड़के अपने घर से निकल आए। उन्होंने घर के पेड़ पर रस्सी से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। लोगों ने बताया कि 30 वर्ष पहले मृतक के पिता मुरारी लाल द्वारा मकान बनवाया था। जिसमें रहकर हरीसिंह अपनी पत्नी रीता व तीन बच्चों के साथ रहकर जीवन यापन कर रहे थे। इसके बाद 13 मार्च 2024 को ग्राम सकतपुर स्थिति 125 बीघा ग्राम समाज की जमीन को वन विभाग द्वारा अधिग्रहण कर लिया गया। जिसमें हरी सिंह का मकान भी शामिल रहा।
ग्रामीणों का पारा चढ़ते देख अधिकारी सकतपुर पंहुचे, विधायक ने सुनाईं खरी-खरी
ऐसे में परिवार बेघर हो गया और तरह-तरह की परेशानियां होने लगी। वन विभाग ने पक्का मकान लेकर सिर्फ एक टिन शेड डालकर रहने को जगह दे दी। मकान चले जाने के कारण परिवार के लोग कई समस्याओं को लेकर परेशान रहते थे। आरोप है कि इसके बाद वन विभाग की टीमों द्वारा समय-समय पर हरी सिंह परिवार को अधिग्रहण जमीन में बने मकान को खसाने के लिए कहते थे।
फंदा लगाकर कर ली आत्महत्या
ग्रामीणों ने कहा कि उसी से आहत होकर सोमवार को घर के सामने खड़े पेड़ पर युवक पर फांसी लगाकर आत्महत्या हत्या कर ली। इसकी सूचना पाकर मलावन पुलिस मौके पर पहुंच गई और शव को फंदे से उतरने की कार्रवाई करने लगी। इसे देख ग्रामीण जिलाधिकारी व वन विभाग के अधिकारियों को मौके बुलाने की मांग करते हुए शव को उतारने का विरोध करने लगे। मामले की जानकारी मिलते ही सदर विधायक विपिन कुमार वर्मा डेविड भी पंहुच गए। अधिकारियों को फोन पर खरी-खोटी सुनाईं।
मृतक की पत्नी रीता ने बताया कि प्रशासन ने हरी सिंह से वादा किया था कि पक्का मकान देंगे मगर टिन योड देकर पल्ला झाड़ लिया।
परिवार को दिया आश्वासन
वन विभाग के अधिकारी कहते रहे कि जो मकान छोड़ा है उसकी ईंटें निकाल लें। एक वर्ष से हरी सिंह मकान के लिए चक्कर काटता रहा पर सुनवाई नहीं हुई और उसने अपनी जान दे दी। सीओ सकीट कृतिका सिंह, तहसीलदार नीरज कुमार वार्ष्णेय, थाना प्रभारी रोहित राठी आदि मौके पर पहुंच गए। इसके बाद सदर विधायक ने पीड़ित परिवार के बच्चों को शिक्षा दीक्षा लाभ, रहने के लिए आवास और आर्थिक मदद दिलाने का आश्वासन दिया। तब दो घंटे बाद लोगों ने शव को फंदे से उतरने दिया। इसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
डीएम ने बनाई जांच कमेटी
सकतपुर निवासी हरीसिंह के आत्महत्या करने के मामले में जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह ने संज्ञान लिया है। जिसे लेकर उन्होंने प्रकरण की गहनता से जांच करने के लिए अपर जिलाधिकारी प्रशासन और अपर पुलिस अधीक्षक की जांच कमेटी बनाई है। जिनकों को मामले की जांच कर तथ्यों की आख्या यथाशीघ्र देने का आदेश दिया है। जिससे प्रकरण में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो सके।
उधर मृतक के स्वजन ने पुलिस को तहरीर भी दी है। जिसमें न विभाग और तहसील प्रशासन को हरी सिंह की आत्म हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है। दरअसल तहरीर मिलने के बाद ही जांच कमेटी बनाई गई है।
जागरण ने चेताया था
दैनिक जागरण ने 20 नवंबर को सकतपुर प्रकरण की खबर प्रमुखता से दी थी। ग्रामीण प्रशासन और वन विभाग के खेल से नाराज थे। उनका कहना था जो जमीन पट्टे पर किसानों को दी जानी चाहिए थी। वह तहसील के कुछ अधिकारियों राजनीति के चलते विभाग को सौंप दी जिसमें हरी सिंह का घर भी चला गया। ग्रामीणों ने जमीन आवंटन के विरोध में आंदोलन किया था मगर अफसरों पर ग्रामीण आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने डरा धमका कर आंदोलन दबा दिया।
सकतपुर में हरी सिंह द्वारा आत्म हत्या के कारण रहे इसकी जांच के लिए कमेटी बनाई गई है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके विरुद्ध कार्रवाई होगी। मृतकाश्रितों की नियमानुसार सर संभव मदद की जाएगी। प्रेम रंजन सिंह, जिलाधिकारी एटा
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