ठंड का कहर: अलाव पर बैठे-बैठे चली गई जान, एटा की इमरजेंसी में बढ़ी मरीजों की संख्या; सर्दी में ऐसे रखें सेहत का ध्यान
फिरोजाबाद के नगला अमन गांव में ठंड के कारण एक 65 वर्षीय वृद्ध प्रेम सिंह की अलाव पर बैठे-बैठे सीने में दर्द से मौत हो गई। एटा मेडिकल कॉलेज में हृदय सं ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, एटा। मौसम की मार अब लोगों की सेहत पर भारी पड़ने लगी है। लगातार बढ़ रही ठंड के कारण सीने में दर्द और हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। शनिवार की सुबह फिरोजाबाद निवासी एक वृद्ध की सीने में तेज दर्द उठने के बाद मौत हो गई। स्वजन उन्हें उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी लेकर पहुंचे, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। इसके साथ ही इमरजेंसी में पांच भर्ती किए गए हैं और पांच मरीजों को वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया है।
फिरोजाबाद के गांव नगला अमन के बुजुर्ग की अलाव पर बैठे-बैठे चली गई जान
जनपद फिरोजाबाद थाना एका क्षेत्र के गांव नगला अमन निवासी प्रेम सिंह 65 वर्ष की मौत हुई है। इनके पुत्र कुलदीप सिंह ने बताया शनिवार की सुबह खाना खाने के बाद अलाव पर बैठे थे, तभी सीने में तेज दर्द हुआ और घबराहट होने के लगी। इसके बाद मेडिकल कालेज की इमरजेंसी लेकर पहुंचे। लेकिन इलाज शुरू होने से पहले ही दम तोड़ दिया। ऐसी परेशानी पिता को कभी नही हुई थी। अचानक मौत होने से पूरा परिवार सदमे में है। अलाव पर बैठे-बैठे बुजुर्ग की जान चली जाने से ग्रामीण भी परेशान हैं।
ठंड के मौसम में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने से बढ़ जाता है ब्लड प्रेशर
वहीं सीने में दर्द होने की वजह से सुभाष चंद्र 60 वर्ष निवासी गंगनपुर को मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में दोपहर में भर्ती कराकर उपचार कराया गया। रफीक 32 वर्ष निवासी बाबूगंज, कृष्णा देवी पत्नी प्रेम सिंह 60 वर्ष निवासी सिराऊ धुमरी, चमेली देवी 85 वर्ष निवासी चोंचा बनगांव, अनिरूद्ध 24 वर्ष निवासी अलीगंज को सीने में दर्द व सांस लेने में घबराहट होने पर भर्ती कराया गया। इसके साथ ही मेडिकल कालेज में बनाए गए वेंटीलेटर वार्ड में पांच बुजुर्गों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखकर उपचार दिया जा रहा है
ठंड में ह्रदय रोगी और बुजुर्ग रखें सेहत का ख्याल
मेडिकल कालेज के सीएमएस एवं वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सुरेश चंद्रा ने बताया कि ठंड के मौसम में हृदय रोगियों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। अचानक ठंड लगने, अलाव की तेज गर्मी और ठंडे वातावरण के बीच तापमान में अंतर से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। यही कारण है कि इन दिनों इमरजेंसी में सीने में दर्द की शिकायत लेकर पहुंचने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
डॉक्टर ने कहा कि ठंड के मौसम में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और हृदय पर अधिक दबाव पड़ता है। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। खासकर बुजुर्ग, पहले से हृदय रोग से पीड़ित मरीज और हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए।
सलाह दी है कि ठंड में शरीर को पूरी तरह ढककर रखें, सुबह और रात के समय ठंडी हवा से बचें, अलाव या हीटर के अत्यधिक नजदीक न बैठें और किसी भी प्रकार का सीने में दर्द, सांस लेने में परेशानी या घबराहट महसूस होने पर तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें। समय पर उपचार से कई जानें बचाईं जा सकती हैं।

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