स्थानांतरण नीति से खफा शिक्षक विरोध की तैयारी में
जागरण संवाददाता, एटा : बेसिक शिक्षा विभाग में आई नई स्थानांतरण नीति ने शिक्षकों में खलबली मचा दी है।
जागरण संवाददाता, एटा : बेसिक शिक्षा विभाग में आई नई स्थानांतरण नीति ने शिक्षकों में खलबली मचा दी है। लाभ नवनियुक्त शिक्षकों को न मिलने, स्थानांतरण का इंतजार देख रहे शिक्षकों को भी राहत की उम्मीद न होने के हालातों में स्कूल खुलने से पहले ही विरोध की तैयारी तेज कर दी है। शिक्षक संगठनों ने शुक्रवार को आ रहे उप मुख्यमंत्री के समक्ष नीति पर आपत्ति जताने के साथ-साथ शिक्षकों की समस्याओं को उन तक पहुंचाने का मसौदा तैयार किया गया है। लाव किया जाए।
यहां बता दें कि पूर्व में सपा शासन के दौरान शिक्षकों के स्थानांतरणों पर खूब उंगलियां उठती रहीं हैं। कारण खास वर्ग के लोगों को उनके मनचाहे स्थान पर नियुक्तियां दे दी गईं। सरकार बदलने के बाद पिछले शासन में परेशान शिक्षकों को उम्मीद थी कि शायद नया शासन उन्हें राहत देगा। ऐसे में जारी की गई स्थानांतरण नीति के तहत ऑनलाइन आवेदन और अंक व्यवस्था को लागू किए जाने की स्थिति में सैकड़ों शिक्षकों के अरमानों पर पानी फेर दिया। सबसे ज्यादा समस्या समायोजित शिक्षकों और पिछले एक-डेढ़ साल में नियुक्त हुए 1500 से भी ज्यादा शिक्षकों को है, जिन्हें दूरदराज क्षेत्रों में तैनाती मिली और अब स्थानांतरण नीति में भी राहत नहीं है।
स्थानांतरण नीति के विरोध को लेकर वैसे तो बुधवार से ही संगठनों में सुगबुगाहट शुरू हो गई। ऐसे में उप मुख्यमंत्री का आगमन होने को लेकर सबसे पहले उनके समक्ष ही विरोध जताने की तैयारी की गई है।
संयुक्त समायोजित शिक्षक संघ, बीटीसी शिक्षक संघ, प्राथमिक शिक्षक संघ ने इसी बाबत सदर विधायक विपिन वर्मा डेविड को समस्या बताई और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात कराए जाने का आग्रह किया। उत्तर प्रदेश प्रशिक्षित शिक्षक संघ पहले ही विरोध की बात कह चुका है। विधायक से मुलाकात के दौरान संयुक्त समायोजित शिक्षक संघ के मंडल अध्यक्ष राजेश गुप्ता, मनोज यादव, सुशील तिवारी, हरिओम प्रजापति, मोहम्मद इशाक, एसके राजपूत, सुशील पचौरी, संजय शर्मा, प्राथमिक शिक्षक संघ के शशिकांत शर्मा, बीटीसी संघ के अर्पित उपाध्याय, दिनेश कुमार सहित अन्य शिक्षक मौजूद रहे।
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