Deoria Flood Alert: सरयू नदी खतरे के निशान से 1.3 मीटर ऊपर, राप्ती-गोर्रा का जलस्तर स्थिर
देवरिया जनपद में सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है जिससे कई गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। बरहज और भागलपुर क्षेत्रों में नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है जिससे लोगों में दहशत है। देवरहा बाबा आश्रम जाने का मार्ग बाधित है और आश्रम में पशुओं के लिए चारे का संकट है। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है।

जागरण संवाददाता, बरहज/देवरिया। जनपद में सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और खतरे के निशान से एक मीटर तीन सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है। बरहज क्षेत्र में शनिवार की शाम नदी का जलस्तर 67.53 मापा गया, जो खतरे के निशान से काफी ऊपर है। इससे सीमावर्ती गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
रुद्रपुर क्षेत्र में पिछले 24 घंटे के दौरान राप्ती नदी का जलस्तर स्थिर हुआ है तो गोर्रा नदी में 10 सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गई है। जबकि भागलपुर में सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 54 से.मी.ऊपर हो गई है। देवरहा बाबा आश्रम पर जाने वाली सड़क मार्ग पर कटाव होने लगा है। छित्तुपुर रेगुलेटर पर नदी का दबाव बढ़ने से तटवर्ती गांव के लोग बाढ़ के खतरे से भयभीत हैं।
बरहज क्षेत्र में लगातार सरयू नदी में हो रहे जल वृद्धि से सीमावर्ती गांव के लोग सहमे हुए हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों का कहना है कि 2015 में एक बार नवंबर के समय बाढ़ की तबाही से लोग त्राहिमाम कर रहे थे। कमोबेश, आज फिर भी परसिया देवार गांव के कई टोला से पानी से घिर गए हैं।
शनिवार की शाम थाना घाट पर बने मापन के अनुसार शुक्रवार को शाम सरयू नदी का जलस्तर 67,50 दर्ज किया गया था जो खतरे के निशान से 66,50 से एक मीटर ऊपर है शनिवार की शाम सरयू नदी का जलस्तर 67,53 मापा गया है जो खतरे के निशान से एक मीटर तीन सेंटीमीटर ऊपर है।
सरयू नदी का पानी सीढ़ियों के ऊपर बहने लगा है, बढ़ते जल स्तर से परासिया देवार , बिशुनपुर देवार, पैना, देऊवारी , बढ़ौना हर्दो, बरेजी, अकुआं, कटियारी, डुमरिया कोल सहित दर्जनों गांव के समीप पानी पसर रहा है। नगर पालिका अध्यक्ष श्वेता जायसवाल, व नायब तहसीलदार रविंद्र मौर्य ने लोगों की सुरक्षा के लिए बरहज थाना घाट, गौरा घाट भ्रमणकर बाढ़ की स्थितियों का जायजा लिया और हर संभव मदद करने की बात कही। इस अवसर पर रतन वर्मा, पवन विश्वकर्मा, मनोज गुप्त, संतोष सिंह गहमरी, अमित जायसवाल उपस्थित रहे। बाढ़ खंड के सहायक अभियंता उपेंद्र प्रसाद ने बताया की स्थिति नियंत्रण में है अभी कहीं पर कोई दिक्कत नहीं है प्रशासन हर समस्या से निपटने के लिए तैयार है।
राप्ती और गोर्रा नदी का जलस्तर में कमी, खतरा बरकरार
रुद्रपुर क्षेत्र में राप्ती और गोर्रा के जलस्तर में कमी दिख रही है। शनिवार की शाम गेज स्थल भेड़ी के समीप राप्ती 67.25 मीटर और गोर्रा पिड़राघाट के समीप 67:95 मीटर पर प्रवाहित हो रही थी। वहीं शुक्रवार की शाम राप्ती 67:30 मीटर और गोर्रा 68.05 मीटर पर प्रभावित हो रही थी।
राप्ती के तटवर्ती सर्वाधिक 17 किमी लंबे अति संवेदनशील तिघरा-मराक्षी तटबंध के किनारे खतरा बढ़ता जा रहा है। बंधे के किनारे तिघरा-खैरवा,करहकोल, भेड़ी , नगवां खास गांव के समीप कटान का खतरा बढ़ा है। वहीं नगवां खास के गांव के जमींदारी बांध के समीप राप्ती जलस्तर से कटान का खतरा बना हुआ है।
वहीं गोर्रा नरायनपुर औराई, बहोरादलपतपुर, शीतलमांझा गांवों समीप दबाव बना रही है। रुद्रपुर-करहकोल मार्ग पर पिड़राघाट पुल के समीप गोर्रा अप्रोच के समीप दबाब बना रही है। एप्रोच की बोल्डर पिचिंग न होने से कटान का खतरा बढ़ा है।
भागलपुर में सरयू का रौद्र रूप, खतरे के निशान से 54 सेमी ऊपर
जासं, भागलपुर: केंद्रीय जल आयोग तुर्तीपार के अनुसार भागलपुर क्षेत्र में सरयू नदी का जल स्तर शनिवार को 2 बजे 64.550. था। 24 घंटे में नदी दो से.मी.बढ़ी है। खतरे का निशान 64.010 मी. है। नदी खतरे के निशान से 54 से.मी. ऊपर बह रही है।
अवर अभियंता प्रकाश ओझा ने बताया कि नदी का जल स्तर सुबह से स्थिर है। देवरहा बाबा आश्रम पर जाने वाला सड़क मार्ग डूब गया है। आश्रम पानी से चारों तरफ से घिर गया है। जिससे आश्रम पर श्रद्धालु नही जा पा रहे है। बाढ़ विभाग के अधिशासी अभियंता राधेश्याम प्रसाद ने बताया की नदी के जलस्तर पर नजर रखा जा रहा है। सभी बंधे सुरक्षित है रेगुलेटर और बंधे पर निगरानी बढ़ा दिया गया है। बाढ़ चौकियां सक्रिय हैं।
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चार दिन से मची है तबाही न चारा की व्यवस्था और न नाव की
भागलपुर: देवरहा बाबा आश्रम के महंथ श्याम सुंदरदास महराज ने कहा कि चार दिन से देवरहा बाबा आश्रम के बाढ़ के पानी ये घिरने के चलते आश्रम पर आने जाने में लोगों की दिक्कतें हो रही है। आश्रम में रह रही गायों के लिए चारा तक की व्यवस्था नहीं है। इसको लेकर प्रशासन से कई बार चारा व नाव की मांग की गई, लेकिन प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। गायों के लिए चारे की व्यवस्था नहीं हुई तो गाय भूखी रहकर बीमार पड़ सकती हैं।
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