Jagriti Yatra: जागृति रेल यात्रा पहुंची देवरिया, भव्य स्वागत देख लोग हुए गदगद, ग्रामीण उद्यमिता पर मंथन शुरू
Jagriti Yatra जागृति उद्यमिता रेल यात्रा 529 यात्रियों के साथ देवरिया पहुंची। मुंबई से शुरू हुई इस यात्रा का नेतृत्व विश्वास पांडेय कर रहे हैं। यात्रियों का फूल-माला और बैंडबाजे के साथ स्वागत किया गया। रेलवे प्लेटफार्म पर खड़े अन्य यात्री तो दृश्य को देखकर उत्सुक रहे। यात्री गांवों में जाकर उद्यम व उद्यमिता के बारे में जानेंगे और बिजनेस प्लान बनाएंगे।
महेंद्र कुमार त्रिपाठी, देवरिया। उद्यमिता व समावेशी विकास का संदेश लेकर बीते दस दिन पहले मुंबई से करीब आठ हजार किमी की दूरी तय करने वाली जागृति उद्यमिता रेल यात्रा कई देशों के 529 यात्रियों के साथ मंगलवार की सुबह देवरिया रेलवे स्टेशन पहुंची।
मुम्बई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से शुरू हुई यात्रा का नेतृत्व कर रहे इन्क्यूबेशन एसोसिएट डायरेक्टर विश्वास पांडेय के साथ सदर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे यात्रियों का फूल-माला और बैंडबाजे के साथ स्वागत किया गया। बैंड बाजे की धुन पर देश के विभिन्न प्रदेशों व विदेशी यात्री झूमते-नाचते अतिथि देवो भव की भावना देखकर खुशी से उछल पड़े। रेलवे प्लेटफार्म पर खड़े अन्य यात्री तो दृश्य को देखकर उत्सुक रहे।
इसके पश्चात यात्रियों को जागृति उद्यम केंद्र बरपार के लिए कई बसों से लेकर पहुंचाया गया। वहां कुछ देर आराम करने के बाद सभी यात्री अपने मिशन की तरफ आसपास के गांव बरपार, चतुर्भुजपुर, बलुआ, अरियापार के लिए विभिन्न टोलियों में निकल गए। देश-विदेश के यात्रियों की टीम गांवों में जैसे ही पहुंची कि गांव के लोगों ने भी उनका खूब आवभगत किया। युवा उद्यमियों व विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की टीेम ने गांव में जाकर उद्यम व उद्यमिता के बारे में नजदीक से जाना।
बरपार स्थित जागृति उद्यम केंद्र सभागार में विभिन्न समूहों में उद्यम व उद्यमिता को लेकर मंथन करते रेल यात्री। जागरण
भ्रमण करने के बाद जागृति उद्यम केंद्र में विभिन्न रूपों में यात्रियों ने जल स्वच्छता टेक्नोलॉजी कला संस्कृति एवं खेल तथा ऊर्जा एवं उद्यम तथा उद्यमिता आदि विषय पर बिजनेस प्लान बनाया।
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जिसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश में उद्यम व उद्यमिता के जरिए किस तरह से गांव के लोगों को रोजगार से जोड़ा जाए एवं उनकी सोच को कैसे बदल जाए। इस पर मंथन किया गया। जिससे कि महिलाओं के जीवन स्तर को और बढ़ाया जा सके। रेल यात्रा में आए विदेशी उद्यमियों ने गांव में जाकर लोगों के बीच बालिकाओं की शिक्षा एवं स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।
यात्री बोले, पूर्वांचल में उद्यमिता के प्लेटफार्म की जरूरत
मुंबई से 16 नवंबर को जागृति रेल यात्रा में शामिल भारत के विभिन्न प्रदेशों के अलावा दुनिया के कई देशों के 12 विदेशी नागरिक भी यात्री हैं ।जिनको भारत के विभिन्न प्रदेशों के अलावा देवरिया की संस्कृति खूब भाई। सभी ने मुक्त कंठ से सराहना की। बोले यहां विकास की बड़ी संभावना है सिर्फ उद्यम व उद्यमिता के प्लेटफार्म दिए जाने की जरूरत है।
प्रेसवार्ता में जानकारी देते सीईओ आशुतोष कुमार, बगल में बैठे सीओओ चिन्मय। जागरण
स्वीटजरलैंड की यात्री एंजेला ने बताया कि यहां के गांव में उद्यमिता की बड़ी संभावना है। यहां की लोग काफी अच्छे हैं। इनको सिर्फ प्लेटफार्म दिए जाने की जरूरत है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में मैं भी यहां काम करना चाहूंगी। भारत में विकास की बड़ी संभावना है।
ब्राज़ील के एग्रीकल्चर रिसर्चर टाइस रिचर ने बताया कि यहां के गांव में धान पर आधारित उद्योग लगाए जा सकता है। इस पर मेरा रिसर्च भी चल रहा है। मेरा मानना है कि यहां के लोगों को इसी उद्यम में आगे बढ़ाया जाना चाहिए। भारत के लोग काफी अच्छे हैं। गांव में लोगों में प्रेम है।
जर्मनी की अना ने बताया कि जागृति यात्रा में अच्छा अनुभव रहा। एक साथ इतनी बड़ी रेल यात्रा दुनिया में कहीं नहीं हुई। भारत में जनसंख्या अधिक है। कचरा प्रबंधन पर खास ध्यान देना होगा। उसमें भी रोजगार की संभावना है। युवाओं को इससे जोड़ना होगा। यहां के नागरिक अच्छे हैं।
लंदन के कंप्यूटर विशेषज्ञ राहुल मेहता ने बताया कि उद्यम व उद्यमिता को आगे ले जाने में यह यात्रा महत्वपूर्ण है। भारत में विकास की बड़ी संभावना है। एक दशक में भारत काफी आगे बढ़ा है। युवाओं को उधमिता से जोड़ने में यह यात्रा सफल होगी।
मुंबई के रनमीत सिंह ने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश को फिल्म मेकिंग के क्षेत्र में आगे लाकर युवाओं को रोजगार दिया जा सकता है। इस यात्रा में हर तरह के लोगों का मिलन हुआ। इससे विकास की गति बढ़ेगी। मैं भी पूर्वांचल में अपने इंडस्ट्री को लाने में आगे रहूंगा।
कोमल देव नानी राजस्थान।
राजस्थान अजमेर की कोमल देव नानी ने बताया कि जागृति रेल यात्रा से काफी कुछ सीखने को मिला इसके अलावा पूर्वांचल में हेल्थ केयर टेक्नोलॉजी को आगे बढ़कर यहां के लोगों को रोजगार दिया जा सकता है। यहां के लोगों में विकास की बड़ी संभावना है।
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चेन्नई के रेडियो इंडस्ट्री शुभ लक्ष्मी ने बताया कि दुनिया की सबसे बड़ी जागृति रेल यात्रा के जरिए युवाओं में काम करने की बड़ी ताकत मिली है। यहां बालिकाओं को खेलकूद के क्षेत्र में बढ़ावा देने की जरूरत है। यहां लोग काम करते हैं लेकिन खेल के लिए संसाधन नहीं है। इस पर मेरा फोकस रहेगा।
अहमदाबाद के बिजनेस कंसलटेंट प्रेरणा धाम ने बताया कि गुजरात यात्रा का काफी अच्छा अनुभव है अलग-अलग कंटेंट के लोग मिले। गांव के लोगों की संस्कृति से परिचय हुआ यहां काम की बड़ी संभावना है। महिलाएं ज्यादा काम चाहती हैं लेकिन उनके पास काम नहीं है। इस पर मेरा फोकस रहेगा।
जोधपुर की डा.देवयानी श्रीमाल ने बताया कि हेल्थ के क्षेत्र में यहां काम करना होगा। गांव में अभी भी सोच दबी हुई है। लड़का-लड़की में भेदभाव है। लोग खेती करते हैं लेकिन लड़कियों के उत्थान पर उनका खास ध्यान नहीं है। इसके लिए हेल्थ सेक्टर में काम करना होगा।
गुड मार्निंग, हेलो हाऊ आर यू....
अरियापार गांव में न्यूयार्क के यात्री रॉड्रिगो ने गांव की महिला सविता का अंग्रेजी में नमस्कार करते हुए कहा..गुड मार्निंग, हेलो हाऊ आर यू....यह सुनकर वह थोड़ा शर्माईं। फिर हाथ जोड़कर अभिभावदन किया। उसके बाद बगल में खड़े दूसरे साथी ने अंग्रेजी का अर्थ समझाया। अर्जेंटीना की गाला ने बरपार में सुमन देवी को नमस्ते बोलकर अभिवादन किया।
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