अंतरराष्ट्रीय कॉल को लोकल में बदलने वाले गिराेह का पर्दाफाश, आरोपी ने बांग्लादेशी नागरिकों से ली थी तकनीकी जानकारी
दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो अंतर्राष्ट्रीय कॉल्स को लोकल कॉल्स में बदल रहा था। आरोपी ने इस तकनीकी जानकारी को बांग्लादेशी नागरि ...और पढ़ें

पुलिस की गिरफ्त में आरोपित मास्क (लगाए हुए)। सौ. पुलिस
जागरण संवाददाता, देवरिया। बांग्लादेशी नागरिकों से तकनीकी प्रशिक्षण हासिल कर अंतरराष्ट्रीय काल को लोकल काल में बदलने के खेल का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस व बीएसएनएल कार्यालय की संयुक्त टीम के प्रयास से आरोपित को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। उसके पास से काल को बदलने में प्रयोग आने वाले भारी मात्रा में सिम बाक्स व सिम कार्ड, एंटीना, लैपटाप, राउटर आदि बरामद किया। यह जानकारी एएसपी उत्तरी आनंद कुमार पांडेय ने दी।
उन्होंने बताया कि पुलिस को अंतरराष्ट्रीय काल को लोकल काल में बदलने के गिरोह के सक्रिय होने की जानकारी मिली थी। इस मामले में साइबर थाना, बीएसएनएल कार्यालय के कर्मचारियों व एसओजी की संयुक्त टीम गठित की गई। टीम ने मईल के कुंडौली गांव के रहने वाले तेज नारायण सिंह पुत्र हंसनाथ सिंह को शहर के रामगुलाम टोला संकटमोचन गली के घर से पकड़ा।
कड़ाई से पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह मारीशस में 2015 से 2022 तक रहकर इलेक्ट्रीशियन का काम करता था। वहां बांग्लादेशी नागरिक आदिल अहमद व समीर मिले, जो अंतरराष्ट्रीय काल को लोकल काल में बदलने का खेल करते थे। बांग्लादेशी नागरिकाें ने बताया कि विदेश से भारत में बात करने का ज्यादा पैसा लगता है। यदि ज्यादा पैसा कमाना है तो अपने यहां सिम बाक्स लगाकर कमा सकते हो।
आरोपित ने उनसे तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त किया। बांग्लादेशी नागरिकों ने बताया कि उनके गिरोह का एक व्यक्ति कोलकाता में मिलेगा। वह सिम बाक्स व भारतीय सिम उपलब्ध कराएगा। मारीशस से वापस भारत आने पर आरोपित ने कोलकाता जाकर सिम बाक्स व सिम प्राप्त किया व सिम बाक्स को एंप्लीफायर के रूप में डिजायन कर कोलकाता से अपने घर लाया। सभी सिम बाक्स को इंटरनेट से कनेक्ट कर चालू कर दिया।
बांग्लादेशी नागरिक समीर वाट्सएप पर लिंक व आइडी पासवर्ड भेजता था। जिस लिंक को आरोपित गूगल क्रोम पर सर्च कर साइट खोलता था। फिर आइडी व पासवर्ड से अकाउंट लागिन कर सिम बाक्स में लगे सिम एक्टिव हो जाते थे। जिसका उपयोग अंतरराष्ट्रीय कॉल को वीओआइपी (वायस ओवर इंटरनेट प्रोटोकाल) के जरिये सामान्य कॉल में परिवर्तित कर फर्जी रूप से कमाई कर रहा था।
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आरोपित के पास से छह सिम बाक्स, छह वाई-फाई राउटर, एक नेट स्टार फास्ट (ईथरनेट डेस्कटाप स्वीच बाक्स), एक जियो वाइ-फाइ राउटर, एक एयरटेल वाइ-फाइ राउटर, 43 एंटीना (बड़ा) सिम बाक्स, 219 सिम (बीएसएनएल), 169 एंटीना (छोटा) सिम बाक्स, सात सिम बाक्स एडाप्टर, आठ वाइ-फाइ राउटर एडाप्टर, सात लेन केबल पीला रंग, पांच लेन केबल सफेद रंग, दो यूएसबी केबल नीला रंग, एक एंप्लीफायर कवर बाक्स, तीन मोबाइल, दो पासबुक (एचडीएफसी), दो पासबुक एसबीआइ, नौ चेकबुक एच़डीएफसी, 11 एच़डीएफसी का एटीएम कार्ड, दो लैपटाप बरामद किया। आरोपित के विरुद्ध थाना साइबर क्राइम देवरिया में भारतीय बेतार तार यांत्रिकी अधिनियम 1933, दूरसंचार अधिनियम, आइटी एक्ट समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।
टीम में यह रहे शामिल
टीम में प्रभारी निरीक्षक साइबर थाना अनिल कुमार, एसआइ विनायक सिंह, दीपक सोनी, विजय राय, एसआइ एसओजी विनय सिंह, धनंजय श्रीवास्तव,विन्देश्वर,एसअाइ कोतवाली वरुण सिंह, अंजली पाण्डेय, बीएसएनएल के एजीएम प्रणव कुमार सिंह, एसडीओ राजीव सिंह, जेटीओ राजेश चन्द्रा शामिल रहे।

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