IIT मद्रास के साथ गुरुकुल मिशन स्कूल की साझेदारी, AI और डाटा साइंस में निपुण हुए विद्यार्थी
गुरुकुल मिशन स्कूल ने IIT मद्रास के सहयोग से नई शिक्षा नीति के तहत एक अनूठी पहल की है। इस कोर्स के तहत कक्षा 11वीं के एक दर्जन विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डाटा साइंस में प्रशिक्षित किया गया है। अब ये विद्यार्थी अपनी पढ़ाई में AI का उपयोग कर रहे हैं। इस पहल के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लेख को पढ़ें।

महेंद्र कुमार त्रिपाठी, देवरिया। आइआइटी मद्रास के सहयोग से गुरुकुल मिशन स्कूल ने नई शिक्षा नीति के कौशल विकास के तहत देवरिया जिले में एक अनूठी पहल की है। इस कोर्स के तहत डाटा प्रबंधन, विश्लेषणात्मक सोच और मशीन लर्निंग के शुरुआती स्तर की जानकारी दी जा रही है।
छात्रों को डिजिटल माध्यमों और तकनीक की जानकारी देना 21वीं सदी के कौशल में उन्हें दक्ष बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। जिसके तहत कक्षा 11 वीं के एक दर्जन विद्यार्थियों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआइ)और डाटा साइंस में दक्ष हुए हैं। अब वह विद्यार्थी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग अपनी पढ़ाई में कर रहे हैं।
नई शिक्षा नीति के तहत आइआइटी मद्रास से गुरुकुल मिशन स्कूल प्रशासन ने दो माह पहले अगस्त में संपर्क किया। उसके बाद चुनिंदा 12 विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन किया गया। जिसमें आइआइटी मद्रास को सभी विद्यार्थियों को 500 रुपये शुल्क देना पड़ा। फिर इन विद्यार्थियों की आनलाइन पढ़ाई कम्यूटर लैब में हर रोज अतिरिक्त दो घंटे दी गई।
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआइ)और डाटा साइंस का प्रशिक्षण लेने वाले विद्यार्थियों श्रेयांश दीक्षित, सिमरन कुशवाहा, आस्था तिवारी, आराध्या शाही, संजना मौर्या, प्रेयशी मिश्रा, जान्हवी मिश्रा, उत्कर्ष यादव, अनुष्का गुप्ता,खुशी यादव, श्रेया यादव, सृष्टि दीक्षित, शामिल हैं।
शनिवार व रविवार को चलती थीं कक्षाएं
इन विद्यार्थियों को हर शनिवार रविवार को कक्षाएं चलती थीं। जिसमें आइआइटी मद्रास की तरफ से विषय विशेषज्ञ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डाटा साइंस के बारे में प्रशिक्षित करते थे। उसके बाद उन्हें इस विषय पर असाइनमेंट भी देते थे। जिसे विद्यार्थियों को अगले चार दिनों में पूरा करना पड़ता था। उसके बाद समस्या निवारण के लिए भी क्लास भी चलती थी। जिसमें प्रोजेक्ट को बनाने में जो भी समस्या आती थी। उनकी समस्या का समाधान किया जाता था। यह प्रक्रिया निरंतर आठ सप्ताह तक चली।
आयोजित की गई परीक्षा
आठ सप्ताह तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा डाटा साइंस का प्रशिक्षण लेने वाले विद्यार्थियों की परीक्षा आयोजित की गई परीक्षा ऑनलाइन सीसी कैमरे की निगरानी में मद्रास आइआइटी की देखरेख में हुई।. परीक्षा के बाद सफल विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र भेजा गया।
विद्यार्थी बोले, पढ़ाई में मिल रही मदद
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं डाटा साइंस की ट्रेनिंग करने वाली विद्यार्थी जानवी मिश्रा ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग हमारी पढ़ाई में हो रहा है। किसी भी प्रकार की समस्या होने पर उसकी मदद ले रही हूं । इससे पहले हमें काफी परेशानी होती थी।
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आराध्या शाही ने कहा कि डाटा साइंस के जरिए कोडिंग बनाने में आसानी हो रही है। श्रेया यादव ने कहा कि कोई भी काम आसान बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली जा सकती है उसका हम उपयोग कर रहे हैं सिमरन कुशवाहा ने कहा कि एआइ के माध्यम से कोडिंग जनरेट कर रहे हैं। जिससे हमारा काम आसान हो रहा है। आस्था तिवारी ने कहा कि गणित को आसन बनाने में यह ट्रेनिंग हमारे लिए मददगार है। अनुष्का गुप्ता ने कहा कि आने वाले दिनों में हम इसका उपयोग व्यावसायिक रूप से भी करेंगे।
पढ़ाई में कर रहे उपयोग
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं डाटा साइंस की ट्रेनिंग लेने के बाद बच्चे अपने कोर्स को इस नई तकनीकी के माध्यम से सहज बना रहे हैं। इसके अलावा बच्चों में तकनीकी जानकारी भी बढ़ी है। अब वह किसी भी समस्या का समाधान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से कर रहे हैं इससे अन्य बच्चे भी उत्साहित हैं।
अब दूसरे बैच की तैयारी
12 बच्चों की सफलता एवं उनके अंदर कौशल विकास देखकर विद्यालय प्रशासन ने दूसरे बैच के 12 विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं डाटा साइंस में दक्ष बनाने के लिए रजिस्ट्रेशन किया है।
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