UP के इस जिले में स्वास्थ्य सिस्टम बीमार, मोबाइल के टार्च की रोशनी में उपचार
देवरिया जिले में अघोषित बिजली कटौती से सीएचसी लार में अंधेरा छाया रहा। एक गर्भवती महिला को बिजली न होने के कारण मोबाइल की रोशनी में इलाज किया गया जहाँ उसने एक मृत बच्चे को जन्म दिया। परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। अस्पताल प्रशासन ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बिजली की समस्या जल्द ठीक कर ली जाएगी।

जागरण संवाददाता, लार/देवरिया। अघोषित बिजली कटौती से जनपद देवरिया त्राहिमाम कर रहा है। ग्रामीण अंचल में बिजली नहीं मिलने से सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी सेवाओं पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। प्रख्यात हिंदी कवि-शायर दुष्यंत कुमार ने किसी जमाने में ऐसे ही हालातों को देखते हुए लिखा होगा कि-''''मैं बेपनाह अंधेरों को सुबह कैसे कहूं, मैं इन नजारों का अंधा तमाशबीन नहीं...!''''
मंगलवार की रात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लार में बिजली नहीं होने की वजह से स्वास्थ्य कर्मचारियों को मोबाइल के टार्च की रोशनी में ही कुछ महिला रोगियों का उपचार करना पड़ा। इस दौरान एक गर्भवती महिला ने मृत बच्चे का जन्म दिया।
इसके बाद गर्भवती के स्वजन ने सीएचसी के स्वास्थ्य कर्मचारियों पर उपचार का लापरवाही का आरोप लगाते हुए सीएचसी में जमकर हंगामा किया। लार सीएचसी में विद्युत व्यवस्था ध्वस्त है और इमरजेंसी में भी अंधेरा छाया रहता है। हालांकि, सिस्टम के खेल से सीएचसी लार बीते वर्षों में प्रदेश स्तर पर सम्मानित भी हो चुकी है।
मंगलवार की रात्रि सीएचसी लार में एक गर्भवती महिला ने मरे हुए बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद स्वजन ने सीएचसी के स्टाफ और स्वास्थ्य कर्मचारियों पर उपचार में लापरवाही का आरोप लगाया। स्वजन ने आरोप लगाया कि गर्भवती महिला कुछ ज्यादा परेशान है तो स्टाफ नर्स का दो टूक जवाब था कि बढ़िया इलाज करना हो तो किसी अच्छे प्राइवेट अस्पताल में जाएं।
यह सुनकर गर्भवती के तीमारदार आक्रोशित हो गए और डाक्टर समेत स्वास्थ्य कर्मचारियों पर अनदेखी करने का आरोप लगाने लगे। क्षेत्र के मटियरा जगदीश निवासी सब्बो खातून पत्नी मोहम्मद राज को मंगलवार को दिन में लगभग 11 बजे जब प्रसव पीड़ा होने लगी तो स्वजन उसे लेकर सीएचसी पहुंचे तो उसे भर्ती कर लिया गया और उपचार शुरू हुआ।
रात्रि लगभग आठ बजे उसने एक मरी हुई बच्ची को जन्म दिया। इसके बाद से कोई भी डाक्टर जच्चा बच्चा को देखने नहीं आए। इमरजेंसी में डाक्टर एसएन सरस्वती की ड्यूटी थी उनका कहना है कि महिला को बहुत तेज बुखार था दवा दी जा रही थी। लेकिन इसका असर कुछ बच्चा पर भी पड़ा और मरी हुई बच्ची ने जन्म लिया।
उस दौरान ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ नर्स भावना यादव ने इस घटना के बाद स्वजन से कहा कि आप लोगों को किसी एयरकंडीशन अस्पताल में जाना चाहिए था। इसके बाद स्वजन अपने मरीज को लेकर घर चले गए, लेकिन रात्रि 12 बजे उसे काफी रक्तस्राव होने नगा तो उसे लेकर जिला मुख्यालय एक प्राइवेट चिकित्सालय में ले जाकर भर्ती कराया, जहां उसका इलाज चल रहा है।
पीड़ित महिला का पति दिल्ली के किसी प्राइवेट कंपनी में साफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्य करता है। इस घटना के संबंध में सीएचसी अधीक्षक डा. बीवी सिंह का कहना है कि गर्भवती महिला के उपचार में कोई भी लापरवाही नहीं की गई। जहां तक बिजली नहीं होने की बात है तो इनवर्टर भी बैठ गया था। इसको जल्द ही ठीक कराया जाएगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।