Deoria News: मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल, नहीं पड़ी सुरक्षाकर्मियों की नजर
देवरिया मेडिकल कॉलेज में एक सनसनीखेज घटना घटी जहाँ पांचवीं मंजिल पर स्थित पानी की टंकी में एक अज्ञात शव मिला। सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि यह स्पष्ट नहीं है कि शव टंकी तक कैसे पहुँचा। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि कोई भी मरीज लापता नहीं है जबकि मरीज और तीमारदार दूषित पानी को लेकर चिंतित हैं।

जागरण संवाददाता, देवरिया। महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज में दिल दहला देने वाली घटना सामने आने के बाद सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो गया है। पांचवीं मंजिल पर बनीं पानी की टंकी में शव कैसे पहुंचा, इसका जवाब न तो मेडिकल कालेज प्रशासन खोज पाया है और न ही पुलिस।
लोगों का कहना है कि भर्ती रोगियों का कस्टोडियन मेडिकल कालेज प्रशासन है, ऐसे में वह कौन रोगी है, जो लापता हो गया है। मेडिकल कालेज प्रशासन का दावा है कि भर्ती कोई रोगी लापता नहीं हुआ है। यदि कोई रोगी लापता होता तो स्वजन उसकी तलाश करते हुए जरूर संपर्क करते। ऐसे में नशेड़ी या गंभीर बीमारी से पीड़ित किसी व्यक्ति ने जान दे दी होगी। फिलहाल इसे सुरक्षा में चूक माना जा रहा है।
24 घंटे तैनात रहते हैं गार्ड, पांचवीं मंजिल तक कैसे पहुंच गया युवक?
मेडिकल कालेज जैसे संवेदनशील जगह पर जहां चौबीसों घंटे सुरक्षा कर्मी तैनात रहते हैं। वहां कोई युवक बिना किसी की नजर में आए पांचवीं मंजिल तक कैसे पहुंच गया? सबसे बड़ा सवाल यह है कि पानी की टंकी, जो कि आमतौर पर बंद व संरक्षित रहती है, उसके भीतर कैसे घुसा।
सीसी कैमरे की होगी जांच तो सच्चाई आएगी सामने
मेडिकल कॉलेज में जगह-जगह सीसी कैमरे लगाए गए हैं। इसकी निगरानी में लापरवाही बरती जा रही है। लोगों का कहना है कि यदि इस पर नजर रहता तो यह घटना होने से पहले ही रोकी जा सकती थी। फिर भी यदि सीसी कैमरे की जांच हो तो घटना का पर्दाफाश हो सकता है।
दूषित पानी पीने वाले अब मरीज व तीमारदार परेशान
महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज में पानी की टंकी में शव मिलने के बाद मरीज व तीमारदार सकते में हैं। टंकी की पानी पीने वाले मरीज व तीमारदार परेशान हैं। मरीजों के साथ आए तीमारदारों ने मेडिकल कालेज प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि दूषित पानी पीने के चलते यदि वे बीमार हुए तो इसकी जिम्मेदारी मेडिकल कालेज प्रशासन की होगी।
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सिवान, गुठनी से आए जीएम अंसारी ने कहा कि वे चार दिन से अपने रोगी के साथ रह रहे हैं। जिस दिन आए, उसी दिन से आरओ का पानी बदबू दे रहा था। इसकी शिकायत सुरक्षाकर्मियों से की, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। नवलपुर की हाजरा परवीन ने कहा कि जब से टंकी में शव मिलने की जानकारी हुई है, तब से वह खुद बीमार महसूस कर रही हैं। कई बार उल्टी हो चुकी है।
बरडीहा से आई किरन देवी ने कहा कि पानी की टोटी के पास खड़ा होने पर ही बदबू आ रहा था। कल पानी से बदबू आ रहा था। इसलिए आज बाहर से पानी खरीद कर पीने के लिए रोगी को दी हूं। खरहरी के उपेंद्र ने बताया कि खराब पानी की सूचना कर्मचारी को दी, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया। भाटपाररानी के मनोज ने बदबूदार पानी पीने से तबीयत भारी होने की बात बताई।
पानी की टंकी के सफाई पर उठने लगा सवाल
मेडिकल कालेज में हर रोज तीन हजार से चार हजार रोगी व तीमारदार आते हैं, जिसमें करीब पांच सौ से अधिक मरीज भर्ती वाले होते हैं। इतने रोगियों को पानी की व्यवस्था मेडिकल कालेज की टंकी से की जाती है। ऐसे में सवाल उठता है कि इतने मरीजों को पीने के लिए मेडिकल कालेज में लगे टंकी की सफाई नियमित क्यों नहीं होती है।
जिस टंकी में शव मिला है। उस टंकी का पानी केवल शौचालय व साफ सफाई के प्रयोग में लाया जाता है। पीने के लिए पानी दूसरे टंकी से आपूर्ति की जाती है। ऐसे में दूषित पानी पीने का कोई सवाल ही नहीं है।
-डाॅ.एचके मिश्र, सीएमएस महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज
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