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    देवरिया में सराफा व्यवसायी ने किया आत्मदाह का प्रयास, अधिकारियों में हड़कंप

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 01:31 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के देवरिया में एक सराफा व्यवसायी ने आत्मदाह करने का प्रयास किया, जिससे अधिकारियों में हड़कंप मच गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर ...और पढ़ें

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    सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मकान व दुकान को खाली कराने गई थी टीम। जागरण

    जागरण संवाददाता, देवरिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दुकान व मकान पर कब्जा दिलाने उप्र वित्त निगम के अधिकारियों के साथ पहुंची प्रशासनिक टीम के सामने सराफा व्यवसायी बंगाली प्रसाद वर्मा ने आत्मदाह का प्रयास किया। पुलिसकर्मियों व राजस्वकर्मियों ने उनके हाथ से ज्वलनशील पदार्थ का डिब्बा छीनकर जान बचाई। कब्जा को लेकर पूरे दिन माहौल गरम रहा। देर रात को उप्र वित्त निगम को आंशिक रूप से कब्जा मिल सका।

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    शहर के मालवीय रोड पर बंगाली प्रसाद वर्मा सराफा व्यवसायी हैं। उन्होंने वर्ष 1998 में मकान खरीदा था। बेचने से पहले इस भूमि को बंधक रखकर विक्रेता ने उप्र वित्त निगम से ऋण लिया था। बाद में मामला हाईकोर्ट इलाहाबाद में पहुंचा। कोर्ट के आदेश पर एकमुश्त समझौता के तहत धनराशि जमा की गई, लेकिन फिर यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया।

    कोर्ट ने उप्र वित्त निगम को नीलामी कर गिरवी रखी संपत्ति को बेचने की अनुमति दी थी। जिसके बाद नीलामी की प्रक्रिया पूरी की गई और एक व्यक्ति को नीलाम कर दी गई। जिसके बाद उप्र वित्त निगम कानपुर के असिस्टेंट मैनेजर मनोज त्रिपाठी, अधीक्षक अरविंद कुमार माथुर समेत अन्य अधिकारी गुरुवार को डीएम से मिले व कब्जा दिलाने की मांग की।

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    नायब तहसीलदार सदर शिवेंद्र कौंडिल्य को मजिस्ट्रेट नियुक्त करते हुए पुलिस बल के साथ मौके पर कब्जा दिलाने के लिए भेजा गया। दोपहर में सराफा व्यवसायी बंगाली प्रसाद वर्मा व उनके पुत्रों से टीम के बीच कहासुनी होने लगी। इसी बीच बंगाली प्रसाद वर्मा ने दो लीटर के बोतल में रखा ज्वलनशील पदार्थ अपने ऊपर उड़ेल लिया। यह देखकर लेखपालों व पुलिसकर्मियों ने हाथ से बोतल छीना व बचाया।

    व्यवसायी का कहना था कि मामला फिर हाईकोर्ट में चल रहा है। इसलिए मौका दिया जाना चाहिए। मामला फिर डीएम के पास पहुंचा। बातचीत के बाद देर रात को उप्र वित्त निगम के अधिकारियों को आंशिक कब्जा दिलाया जा सका। असिस्टेंट मैनेजर मनोज त्रिपाठी ने बताया कि खाली कमरों पर कब्जा दिया गया है। दुकान व ऊपरी मंजिल पर अभी तक कोई कब्जा नहीं मिला है।