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    यूपी के इस जिले में PM Surya Ghar Yojana में धन उगाही का आरोप, होगी जांच

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 01:45 PM (IST)

    देवरिया में पीएम सूर्य घर योजना के तहत वेंडरों ने बिजली विभाग के कर्मचारी पर धन उगाही का आरोप लगाया है। पीओ नेडा से शिकायत के बाद अधीक्षण अभियंता विद्युत ने जांच के आदेश दिए हैं। वेंडरों का कहना है कि बाबू फाइल आगे बढ़ाने के लिए रिश्वत मांग रहे हैं जिससे नेट मीटर लगाने और अनुदान मिलने में देरी हो रही है।

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    ध्यानार्थ:::पीएम सूर्य घर योजना में धन उगाही का आरोप, होगी जांच

    जागरण संवाददाता, देवरिया। पीएम सूर्य घर योजना में धन उगाही का आरोप वेंडरों ने बिजली विभाग के कर्मचारी पर लगाया है। पीओ नेडा से शिकायत के बाद मामला अधीक्षण अभियंता विद्युत के पास पहुंचा है। उन्होंने मामले में जांच के निर्देेश दिए हैं।

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    पीएम सूर्य घर योजना का कार्य अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड देवरिया कार्यालय के बाबू के जिम्मे है। वेंडरों ने नेट मीटर लगाने व लाभार्थियों को अनुदान देने के नाम पर धन उगाही का आरोप लगाया है।

    कहा है कि बाबू फाइल को आगे बढ़ाने की कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। फाइल आगे बढ़ाने के लिए रिश्वत मांग रहे हैं। जिसके कारण लाभार्थी उपभोक्ताओं के सोलर रूफटाप से संबंधित मीटरिंग फाइल की स्वीकृति में बाधा आ रही है। साथ ही नेट मीटर लगाने व अनुदान मिलने में देरी हो रही है।

    शिकायती पत्र पर इलेक्ट्रो ग्रीन साल्युशन, चंद्रा इंटरप्राइजेज, चंदेल इंटरप्राइजेज, अजीत इंटरप्राइजेज, आरएन ट्रेडर्स, एनएस टेक के प्रोप्राइटर के अलावा अशोक दुबे, सतीश चंद्र पटेल के हस्ताक्षर हैं।

    अधीक्षण अभियंता अमित कुमार सिंह का मोबाइल रिसीव नहीं होने से पक्ष नहीं मिल सका। सीडीओ प्रत्यूष पांडेय ने बताया कि अभी मैं बाहर हूं। कल आता हूं तो मामले की जांच कराई जाएगी। यदि कोई बाबू धन उगाही करता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

    लक्ष्य नहीं हुआ पूरा 

    पीएम सूर्य घर योजना पिछले वर्ष फरवरी 2024 में शुरू गई। वित्तीय वर्ष 2025-26 में जनपद को 2286 का लक्ष्य मिला है। जबकि अगस्त 1147 लाभार्थियों को लाभ देना था। इसके सापेक्ष 842 लाभार्थियों को लाभ मिला है।

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    पीओ यूपी नेडा गोविंद तिवारी के मुताबिक, एक किलोवाट की लागत 65 हजार होगी, जिसमें 45 हजार रुपये का अनुदान सरकार की ओर से मिलेगा। दो किलो वाट की लागत 1.30 लाख होगी। सरकार का अनुदान 90 हजार रुपये होगा।

    तीन किलोवाट से दस किलोवाट के लिए सरकार की ओर से दिए जाने वाला अनुदान 108000 रुपये होगा। सोलर प्लांट से उत्पादित ऊर्जा की खपत के बाद शेष यूनिटों को पावर ग्रीड खरीदता है। जिसका भुगतान बिजली विभाग उपभोक्ता के बिजली बिल में एडजस्ट कर देता है।