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    Deoria News: भूमि से नहीं हटा कब्जा तो राज्य विश्वविद्यालय बनने में आ सकती है अड़चनें, शासन को गया है प्रस्ताव

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 12:36 PM (IST)

    देवरिया के बीआरडी पीजी कॉलेज की भूमि पर कब्जे के कारण राज्य विश्वविद्यालय बनने में अड़चनें आ सकती हैं। कॉलेज के पास 70 एकड़ भूमि है, लेकिन कुछ हिस्से पर अवैध कब्जा है। नई शिक्षा नीति के तहत कॉलेज विश्वविद्यालय बनने की योग्यता रखता है, और इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। भूमि पर कब्जे के कारण मानक पूरा करने में समस्या आ सकती है।

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    भूमि से कब्जा हटाए जाने पर महाविद्यालय के पास होगी 70 एकड़ भूमि। सांकेतिक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, देवरिया। बीआरडी पीजी कालेज की भूमि से कब्जा नहीं हटा तो राज्य विश्वविद्यालय के रूप में इसे परिवर्तित करने की राह में अचड़नें आ सकती हैं। महाविद्यालय के नाम से करीब 70 एकड़ भूमि है, लेकिन 65 एकड़ ही महाविद्यालय के कब्जे में है। शेष भूमि पर दूसरे लोगों ने कब्जा जमा लिया है। ऐसे में यदि कब्जा वाली भूमि कालेज को नहीं मिली तो मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

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    भारत सरकार की नई शिक्षा नीति 2020 के तहत बीआरडी पीजी कालेज, राज्य विश्वविद्यालय बनने की अर्हता रखता है। महाविद्यालय प्रशासन की ओर से राज्य विश्वविद्यालय के रूप में परिवर्तित करने का प्रस्ताव दो माह पूर्व शासन को भेजा गया है। जिसमें अवगत कराया गया है कि 15 एकड़ में महाविद्यालय परिसर व आवासीय एवं बागबानी क्षेत्र स्थित है। जबकि 55 एकड़ भूमि कृषि क्षेत्र के रूप में छोड़ा गया है।

    यह भूमि मेहड़ा नगर अंदर, मेहड़ा नगर बाहर, अमेठी बाहर, देवरिया खास नगर बाहर में स्थित है। कालेज प्रशासन का कहना है कि महाविद्यालय भले ही राज्य विश्वविद्यालय का मानक पूरा कर रहा है, लेकिन कब्जा होने से भूमि का मानक कम हो रहा है। ऐसे में 70 एकड़ से कम भूमि होने पर बाधा आ सकती है। वर्ष 1954 में कॉलेज आफ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च के रूप में पूर्वांचल में कृषि शिक्षा प्रदान करने वाला यह पहला संस्थान था।

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    पहले इसकी संबद्धता आगरा विश्वविद्यालय से थी। 1956-57 में इसकी संबद्धता गोरखपुर विश्वविद्यालय से हो गई। यहां पड़ोसी राज्यों के अलावा विदेश के छात्र भी कृषि की पढ़ाई करने आते रहे हैं। यहां करीब चार हजार छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। नियमित शिक्षक के 80 पद के सापेक्ष 72, मानदेय शिक्षक पांच कार्यरत हैं। तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के 60 पद के सापेक्ष 34 तैनात हैं।

    आधुनिक सुविधाओं से है सुसज्जित
    महाविद्यालय आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। यहां 12 व्याख्यान कक्ष, दो प्रशासनिक भवन, प्रधानाचार्य आवास, स्टाफ कक्ष, प्रवेश नियंत्रण कक्ष, बैंक भवन, संगोष्ठी हाल, केंद्रीय पुस्तकालय, कंप्यूटर सेंटर, कैंटीन, बैडमिंटन इंडोर हाल के अलावा दो खेल मैदान हैं। इसके अलावा इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के 30 से अधिक कोर्स भी यहां संचालित होते हैं।

    राज्य विश्वविद्यालय के रूप में परिवर्तित करने के लिए महाविद्यालय के पास 70 एकड़ भूमि है, लेकिन करीब पांच एकड़ भूमि कब्जा के कारण विवादों में है। जिसके कारण अड़चनें आ सकती है। इसलिए कब्जा हटवाना जरूरी है।

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    प्रो.प्रताप नारायण सिंह, प्राचार्य, बीआरडी पीजी कॉलेज।