Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    CJM ने कोर्ट की सुरक्षा के प्रभारी दारोगा से मांगा स्पष्टीकरण, Ex- IPS अमिताभ ठाकुर के पेशी के समय कोर्ट परिसर में घुसे थे बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी

    Updated: Sat, 13 Dec 2025 01:00 PM (IST)

    देवरिया के CJM ने कोर्ट की सुरक्षा में तैनात दारोगा से स्पष्टीकरण मांगा है। यह स्पष्टीकरण पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की पेशी के दौरान कोर्ट परिसर में बड़ी ...और पढ़ें

    Hero Image

    आरोपित पूर्व आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर। जागरण अर्काइव

    विधि संवाददाता, देवरिया। फर्जी दस्तावेजों के सहारे जमीन की खरीद-बिक्री के आरोपित पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर दीवानी न्यायालय परिसर में पेशी के दौरान बिना अनुमति बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के घुसने पर न्यायालय सुरक्षा की प्रभारी अधिकारी व सीजेएम मंजू कुमारी ने सख्त एतराज जताया है। उन्होंने न्यायालय सुरक्षा के प्रभारी दारोगा राजेश पांडेय से स्पष्टीकरण मांगा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने कहा है कि 10 दिसंबर को न्यायालय परिसर में बिना संज्ञान के बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी न्यायालय परिसर में सुबह से ही उपस्थित थे। इसकी न तो मौखिक, न ही लिखित सूचना दी गई। जबकि न्यायालय परिसर में बिना सूचना या अनुमति कोई नहीं आ सकता।
    इसके पहले भी न्यायालय परिसर में चोरी की घटना की जानकारी मुझे बतौर प्रभारी अधिकारी सुरक्षा न्यायालय होने के बाद नहीं दी गई। उपेक्षापूर्ण कार्य करने पर कार्रवाई के लिए क्यों न एसपी को पत्र लिखा जाए।

    पूर्व आइपीएस अधिकारी की जमानत की अर्जी सीजेएम कोर्ट में दाखिल

    जालसाजी कर औद्योगिक प्लाट खरीद-बिक्री करने के आरोप में दो दिन पहले जेल भेजे गए पूर्व आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की जमानत की अर्जी सीजेएम कोर्ट में दाखिल की गई। इस मामले में 15 दिसंबर को सुनवाई होगी। जिस पर सभी की निगाहें टिकी हैं।

    यह भी पढ़ें- पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की जमानत की अर्जी सीजेएम कोर्ट में दाखिल, इस दिन होगी सुनवाई

    रिटायर्ड आइपीएस अमिताभ ठाकुर को शाहजहांपुर से गिरफ्तार किया गया था। एसआइटी लखनऊ ने बुधवार को सीजेएम मंजू कुमारी की कोर्ट में पेश किया, जहां 14 दिन के न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया। इस मामले में पूर्व आइपीएस के पक्ष में पैरवी के लिए अधिवक्ता अरविंद कुमार पांडेय व सुभाष चंद्र राव की ओर से जमानत अर्जी कोर्ट में दाखिल की गई।

    शोक प्रस्ताव के कारण जमानत अर्जी पर सुनवाई टल गई। आरोपित पूर्व आइपीएस के अधिवक्ताओं ने दलील दी है कि मामला दीवानी प्रकृति का है। जिसे राजनीतिक प्रतिशोध वश फौजदारी में दर्ज कराकर प्रताड़ित किया जा रहा है। आरोपित का तथाकथित घटना में कोई विशिष्ट भूमिका नहीं है।