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    केमिकल इंजीनियर अशोक गावंडे का था मेडिकल कॉलेज की पानी की टंकी में बरामद शव, घरवालों ने की शिनाख्त

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 11:49 AM (IST)

    हाल ही में एक मेडिकल कॉलेज की पानी की टंकी में मिले शव की पहचान केमिकल इंजीनियर अशोक गावंडे के रूप में हुई है। परिवार ने शव की शिनाख्त की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है ताकि मौत के कारणों का पता चल सके।

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    शव की पहचान कर परिसर से बाहर आते परिजन। जागरण

    जागरण संवाददाता, देवरिया। महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल काॅलेज की पानी की टंकी से बरामद शव मुंबई के केमिकल इंजीनियर 61 वर्षीय अशोक गावंडे का था। शव की शिनाख्त उनकी पत्नी अनीता गावंडे व साले प्रफुल्ल नगारकर ने तस्वीर देख कर की। रात में शाम को पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस ने स्वजन को शव सौंप दिया।

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    मेडिकल कालेज की नवीन ओपीडी में पांचवीं मंजिल पर बनी पानी की टंकी से कोतवाली पुलिस ने 61 वर्षीय व्यक्ति का शव छह अक्टूबर को बरामद किया था। अज्ञात शव के शिनाख्त के लिए दो टीमें गठित की गई। एक टीम को मुंबई रवाना किया गया तथा दूसरी टीम को गोरखपुर रवाना किया गया।

    मुम्बई रवाना हुई टीम ने मृतक की पत्नी अनीता गावंडे से वार्ता कर शव की शिनाख्त की। उन्हाेंने अज्ञात शव की शिनाख्त अपने पति अशोक गावंडे पुत्र भीकाजी गावंडे निवासी आदित्य विश्व कांप्लेक्स चन्द्रोदय कांप्लेक्स के सामने कुलगांव थाणे अंबरनाथ महाराष्ट्र के रूप में की।

    गोरखपुर की टीम ने मृतक के साले प्रफुल्ल नागरकर पुत्र चन्द्रकांत नगरकर हाउस नं. 26 दुर्गाबाड़ी रोड हुमायूंपुर दक्षिणी गोरखपुर ने मृतक की फोटो व्हाट्सअप पर मोबाइल पर उपलब्ध कराई जिसके आधार पर मृतक की पत्नी एवं साले ने शव की शिनाख्त अपने पति एवं बहनोई अशोक गावंडे के रूप में की।

    मृतक की पत्नी एवं साले ने पुलिस को बताया गया कि मृतक विगत चार वर्षों से पत्नी से अलग रहते थे तथा चार महीने तक मानसिक बीमारी के कारण मुंबई में एक अस्पताल में इलाज कराया गया था, मृतक की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंची मृतक की पत्नी पति को याद कर फफक पड़ी। मृतक के साले व उनके साथी मायूस बैठे रहे।

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    मुंबई में लगाई फैक्ट्री, नुकसान होने पर अवसाद में चले गए 

    अशोक ने मुंबई में पांच वर्ष पूर्व फैक्ट्री लगाई। जिसमें उन्हें काफी नुकसान हुआ और वह अवसाद में चले गए। उसके बाद पत्नी से आए दिन विवाद होता रहता था। वह पत्नी व इकलौती बेटी अनुष्का से अलग रहते थे। उनकी मानसिक स्थित ठीक नहीं थी। वह आए दिन नशे में कालोनी में लोगों से विवाद करते थे। कालोनी के लोग उन्हें मानसिक चिकित्सा केंद्र भी भिजवाए लेकिन वह ठीक नहीं हुए। वह 22 सितंबर को अपने साले के पास गोरखपुर पहुंचे और 1200 रुपये लेने के बाद रात में ही मुंबई जाने की बात कर निकल गए। साले ने बताया कि पैर में उनके घाव था। बहन से विवाद के बाद रिश्ता सामान्य रूप से ही चल रहा था।

    मेडिकल कालेज के सर्जिकल वार्ड में भर्ती थे अशोक

    महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज की इमरजेंसी और वार्ड के रिकॉर्ड में भी अशोक का नाम दर्ज है। उन्हें घायलावस्था में 108 नंबर एंबुलेंस से ले आकर 27 सितंबर को भर्ती कराया गया। पुलिस ने सीएमओ कार्यालय से 108 नंबर पर सूचना देने वाले व्यक्ति की सूचना मांगी है। 108 के नोडल अफसर ने पुलिस को इससे जुड़े कुछ मोबाइल नंबर उपलब्ध कराया है। इस आधार पर पुलिस जांच कर रही है।

    तय होगी जिम्मेदारी, होगी कार्रवाई

    मेडिकल कालेज के सर्जरी विभाग में भर्ती अशोक बेड से उठ कर पांचवीं मंजिल तक कैसे पहुंचे और इतनी ऊंची पानी की टंकी के ऊपर अकेले कैसे चढ़े यह यक्ष प्रश्न सभी के मन में कौंध रहा है। उनके दाहिने पैर में घाव था। वह वार्ड में अस्पताल का चादर व नीले रंग का शर्ट पहन कर शौचालय तक जैसे-तैसे ही जा पाते थे। बेड से रोगी गायब हो गया और किसी को पता तक नहीं चल सका। ऐसे में इसके लिए अब जिम्मेदारी तय की जा रही है। इसे लेकर मेडिकल कालेज में खलबली मची है।