देवरिया में मतांतरण मामला भाई-बहन को कोर्ट से झटका, नहीं मिली जमानत
एसएस माल की मालकिन तरन्नुम जहां और उनके भाई गौहर को मतांतरण मामले में विशेष न्यायाधीश पाक्सो ने जमानत देने से इनकार कर दिया। तरन्नुम ने अग्रिम जमानत और गौहर ने नियमित जमानत के लिए अर्जी दी थी। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं। अब तरन्नुम के पास आत्मसमर्पण या उच्च न्यायालय जाने का विकल्प है।

विधि संवाददाता देवरिया। एसएस माल की मालकिन तरन्नुम जहां व उनके भाई गौहर को मतांतरण के अलग-अलग मामले में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश पाक्सो ने जमानत देने से इन्कार कर दिया।
एसएस माल की मालकिन तरन्नुम जहां ने कोतवाली थाना क्षेत्र के मतांतरण के मामले में अग्रिम जमानत याचिका व गौहर ने खुखुंदू थाना क्षेत्र के अपहरण व मतांतरण के मामले में नियमित जमानत प्रार्थना पत्र जनपद न्यायाधीश राममिलन सिंह के यहां दाखिल किया था। जनपद न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश (पाक्सो ) वीरेंद्र सिंह की अदालत में अंतरित कर दी ।
खुखुंदू थाना क्षेत्र के रहने वाले पीड़िता के पिता ने बरडीहां लाला निवासी गौहर अंसारी के विरुद्ध अपहरण व मतांतरण का मुकदमा 28 अगस्त 2025 को थाना खुखुंदू में दर्ज कराया था। 30 अगस्त को पुलिस ने गौहर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जहां उसे जेल भेज दिया गया था।
शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश (पाक्सो) की अदालत में गौहर के अधिवक्ता अरविंद कुमार पांडेय व वादी के अधिवक्ता मुकुंद माधव तिवारी ने अपने-अपने पक्ष में तर्क प्रस्तुत करते हुए न्याय की मांग की। उधर सदर कोतवाली में सात सितंबर 2025 को एक दूसरी पीड़िता ने आरोपित तरन्नुम जहां पर छेड़खानी व मतांतरण का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसकी अग्रिम जमानत याचिका तरन्नुम के अधिवक्ता वीरेंद्र साहनी ने प्रस्तुत किया था।
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दोनों मामलों की अलग-अलग सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश (पाक्सो) ने देर शाम आरोपितों के कृत्य व मामले की गंभीरता को देखते हुए जमानत निरस्त कर दी। अब आरोपित तरन्नुम जहां को या तो न्यायालय में आत्मसमर्पण करना होगा या अदालत के आदेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय का रुख करना पड़ेगा।
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