Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chitrakoot में 30 किमी का रोमांचकारी सफर! रानीपुर टाइगर रिजर्व में लौटी रौनक, पर्यटक हो रहे प्रकृति के दीवाने

    Updated: Sun, 02 Nov 2025 05:54 PM (IST)

    चित्रकूट में रानीपुर टाइगर रिजर्व एक बार फिर पर्यटकों से गुलजार हो उठा है। 30 किलोमीटर लंबे सफारी मार्ग पर अब फिर से रोमांच और प्राकृतिक खूबसूरती लौट आई है। घने जंगलों, पहाड़ियों और दुर्लभ वन्यजीवों के बीच यह सफर सैलानियों के लिए यादगार अनुभव बन रहा है।

    Hero Image

    चित्रकूट का ग्लास स्काई वॉक ब्रिज। जागरण

    जागरण संवाददाता, चित्रकूट। बारिश के बाद हरियाली से निखरे रानीपुर टाइगर रिजर्व में अब फिर से रौनक लौट आई है। वन विभाग ने एक नवंबर से जंगल सफारी की शुरुआत कर दी है, जिससे पर्यटकों में उत्साह का माहौल है। घने जंगलों, झरनों और वन्यजीवों से घिरा यह इलाका अब रोमांच और प्राकृतिक सौंदर्य का नया केंद्र बन गया है। रविवार को 15 पर्यटक सतना व प्रयागराज से आए थे। उन्होंने शबरी जल प्रपात व धारकुंडी आश्रम को दीदार किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें


    कानपुर से आए परिवार सहित घूमने अधिवक्ता अजीत कुमार त्रिपाठी ने कहा, रानीपुर का प्राकृतिक सौंदर्य कश्मीर और हिमाचल प्रदेश से किसी भी रूप में कम नहीं है। यहां की हरियाली, झरने और शांत वातावरण मन को सुकून देते हैं। उन्होंने कहा कि शबरी (तुलसी) और राघव जैसे जलप्रपात तथा धारकुंडी आश्रम जैसे स्थल इस क्षेत्र को अद्भुत बनाते हैं।

    Chitrakoot

    झरनों की गूंज, जंगल की ठंडी हवाएं

    बता दें कि सफारी के लिए चार रूट निर्धारित किए गए हैं, जिनमें एक बार में लगभग 30 किलोमीटर की यात्रा होगी। पर्यटक यहां बाघ, तेंदुआ, हिरन, भालू और सैकड़ों पक्षियों को नज़दीक से देखने का मौका पा रहे हैं। झरनों की गूंज और जंगल की ठंडी हवाएं सैर को और यादगार बना रही हैं। ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग ने स्थानीय युवाओं को गाइड और सहायक के रूप में जोड़ा है, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं।

    Ranipur-Tiger-Reserve-1761908778091

    जानें कितने रुपये किराया

    उप प्रभागीय अधिकारी राजीव रंजन सिंह ने बताया कि रानीपुर टाइगर रिजर्व को शनिवार को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। फील्ड डायरेक्टर ने सफारी का उद्घाटन किया है और वन मंत्री के भी जल्द आगमन की संभावना है। प्रवेश टिकट मारकुंडी गेट से बुक हो रहे हैं। एक जिप्सी का किराया 2500 रुपये हैं जबकि प्रति व्यक्ति प्रवेश शुल्क 80 और विदेशी सैलानियों के लिए 1000 रुपये रखा गया है। बच्चों के लिए रियायती दरें और पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रवेश निशुल्क है।

    ठहरने के लिए स्वीट काटेज

    पर्यटकों के ठहरने के लिए किहुनिया जामवंत क्षेत्र में चार आकर्षक ‘स्वीट कॉटेज’ बनाए गए हैं, जिनका किराया भारतीय पर्यटकों के लिए तीन हजार प्रति रात और विदेशी पर्यटकों के लिए छह हजार रुपये है। इसके साथ ही पर्यटकों के लिए एक और बड़ी सौगात है तुलसी (शबरी) जलप्रपात में प्रदेश का पहला ग्लास स्काई वाक ब्रिज तैयार हो चुका है। इसका सुरक्षा ऑडिट आईआईटी बीएचयू बनारस की टीम ने किया है, जिसकी रिपोर्ट जल्द आने वाली है। विभाग का लक्ष्य है कि हर पर्यटक यहां से प्रकृति, वन्यजीव और ईको-टूरिज्म का अविस्मरणीय अनुभव लेकर जाए। बारिश के बाद जंगलों की हरियाली और वन्यजीवों की चहलकदमी ने रानीपुर को फिर से पर्यटकों की पसंदीदा मंजिल बना दिया है। जंगल में इस समय बाघ चार, तेंदुआ 82 भालू, 60 लकड़बग्घा 10 इसके अलावा सैकड़ों की संख्या में हिरण, बाहर सिंघा व चीतल, संभार , खरगोश, आदि जानवर है।


    घूमने के लिए प्रमुख स्थान

    रानीपुर टाइगर रिजर्व में पर्यटकों के घूमने के लिए प्रमुख स्थान है। जिसमें किहुनियां चीतल वन विश्राम गृह से चौंवरी विश्राम गृह तक, चौंवरी विश्राम गृह से वापस कल्याणपुर, बंगला तिराहे से हनुमान चौक रानीपुर वापसी बंगला तिराहा, इसके अलावा परमहंस आश्रम धरकुंडी, अमरावतीआश्रम, मार्कण्डेय आश्रम, शबरी जल प्रपात, ग्लास ब्रिज आदि शामिल हैं।