मानिकपुर रेलखंड पर मेमू ट्रेन से टकराए गोवंशी, चार की मौत, तीन घंटे ठप रही रेल सेवा
मानिकपुर-झांसी रेलखंड पर मेमू ट्रेन गोवंशियों से टकरा गई, जिससे चार की मौत हो गई और ट्रेन तीन घंटे तक रुकी रही। घटना ओहन और मानिकपुर स्टेशन के बीच हुई, जिससे प्रेशर पाइप फटने से तकनीकी खराबी आई। यात्रियों को गर्मी में परेशानी हुई, और कई ट्रेनें विलंबित हुईं। रेलवे ने भविष्य में कंटीली तार लगाने की बात कही है।

ट्रेन के प्रेशर पाइप को ठीक करता रेलवे कर्मचारी। जागरण
जागरण संवादाता, चित्रकूट। मानिकपुर-झांसी रेलखंड पर बुधवार दोपहर कानपुर-मानिकपुर मेमू ट्रेन (संख्या 51802) एक बड़े हादसे का शिकार हो गई। ओहन और मानिकपुर स्टेशन के बीच पोल नंबर 1415/5 के पास ट्रैक पर आए गोवंशियों से ट्रेन टकरा गई। हादसे में चार गोवंशों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि ट्रेन का प्रेशर पाइप फट जाने से तकनीकी खराबी आ गई। नतीजतन ट्रेन ओहन आउटर पर करीब तीन घंटे तक खड़ी रही और रेल यातायात प्रभावित हो गया।
कानपुर-मानिकपुर मेमू पैसेंजर ट्रेन बुधवार को दोपहर करीब एक बजकर 15 मिनट पर चित्रकूटधाम कर्वी स्टेशन पहुंची थी। पांच मिनट ठहराव के बाद आगे के लिए रवाना हुई। खोह, बहिलपुरवा और ओहन स्टेशन पार कर जैसे ही मानिकपुर जंक्शन के ओहन आउटर के पहले पोल नंबर 1415/5 के पास पहुंची तो दुर्घटनाग्रस्त हो गई। ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों को दोपहर की धूप में घंटों फंसे रहना पड़ा। पानी और खाने की व्यवस्था न होने से यात्रियों में आक्रोश रहा।
कई यात्री मजबूरी में पैदल ही मानिकपुर स्टेशन की ओर निकल पड़े। चित्रकूटधाम कर्वी से आ रहे एक यात्री राजेश गुप्ता ने बताया कि करीब दो घंटे तक कोई स्पष्ट सूचना नहीं मिली। गर्मी और धूप में छोटे बच्चों को लेकर पैदल जाना पड़ा। वहीं यात्री अनिता वर्मा ने कहा कि रेलवे ट्रैक के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बेहद लापरवाह है। अगर समय रहते कंटीले तार लगाए गए होते, तो ये हादसा नहीं होता।
रेलवे सूत्रों के अनुसार ओहन से मानिकपुर के बीच ट्रैक किनारे बैरिकेडिंग या कंटीली तार नहीं लगी है। इसी कारण गोवंशियों का झुंड पटरियों पर आ गया। ट्रेन चालक ने कई बार हॉर्न बजाया, जिससे कुछ पशु हट गए, लेकिन चार गोवंशी पटरी पर फंस गए और ट्रेन से टकराकर कट गए। इस दौरान तेज झटका लगने से यात्री सहम गए। टक्कर के बाद ट्रेन का प्रेशर सिस्टम लीक हो गया, जिससे इंजन बंद पड़ गया।
लोकोपायलट और सहायक चालक ने मौके पर ही खराबी दुरुस्त करने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। सूचना पर उच्च अधिकारी सक्रिय हुए और चित्रकूटधाम कर्वी स्टेशन से मालगाड़ी का इंजन भेजा गया, जिसने करीब तीन घंटे बाद ट्रेन को पांच बजकर 10 मिनट पर मानिकपुर जंक्शन तक पहुंचाया गया। रेलवे विभाग ने कहा है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए ट्रैक किनारे कंटीली तार की बैरिकेडिंग की जाएगी। लेकिन जब तक सुरक्षा इंतजाम नहीं होते, यात्रियों और ट्रेनों की सुरक्षा खतरे में बनी रहेगी।
चित्रकूटधाम कर्वी के स्टेशन प्रबंधक सुरेश कुमार ने बताया कि इस घटना के कारण रेल संचालन पर भी असर पड़ा। मानिकपुर-कानपुर मेमू करीब तीन घंटे, ग्वालियर-प्रयागराज एक्सप्रेस ढाई घंटे, चित्रकूटधाम-कानपुर इंटरसिटी एक घंटे और अंबेडकर नगर एक्सप्रेस एक घंटे विलंब से चलीं।

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