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    Digital Arrest का खौफ: रिटायर्ड इंजीनियर से 11 दिन में 41.49 लाख ठगे, पुलिस-ATS बनकर डराते रहे ठग

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 03:21 PM (IST)

    Digital Arrest Threat: चित्रकूट में साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर बिजली विभाग के सेवानिवृत्त अभियंता से 11 दिन में 41.49 लाख रुपये की ठगी क ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, चित्रकूट। साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर बिजली विभाग के सेवानिवृत्त अभियंता से 11 दिन में 41.49 लाख रुपये की ठगी कर ली। ठगों ने खुद को पुलिस और एटीएस अधिकारी बताकर आतंकवाद से जुड़ा फर्जी मामला गढ़ा और लगातार वीडियो व आडियो काल के जरिए पीड़ित को मानसिक दबाव में रखा। दहशत में आकर रिटायर्ड इंजीनियर ने अपने खाते से दो बार में लाखों रुपये ठगों के बताए खातों में ट्रांसफर कर दिए।

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    पहाड़ी थाना क्षेत्र के प्रसिद्धपुर निवासी घनश्याम बाबू सिंह ने पुलिस को बताया कि वह वर्ष 2015 में महाराष्ट्र राज्य विद्युत मंडल में अधिशासी अभियंता के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। नौ दिसंबर को उनके मोबाइल पर एक अंजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को पुणे कमिश्नर कार्यालय से हेड कांस्टेबल रंजीत कुमार बताया। उसने कहा कि अफजल नाम के एक आतंकवादी ने उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर एचडीएफसी बैंक में खाता खोला है, जिसमें बड़े पैमाने पर संदिग्ध लेनदेन हुआ है।

     


    ठग ने दावा किया कि यह मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा है और एटीएस ने उनकी गिरफ्तारी का आदेश जारी कर दिया है। इसके बाद कॉल को कथित एटीएस इंस्पेक्टर शिवकुमार पांडेय से जोड़ दिया गया। शिवकुमार ने गिरफ्तारी से बचने के लिए जांच में सहयोग करने को कहा और किसी को भी इस बारे में जानकारी देने से मना कर दिया। 9 दिसंबर से 19 दिसंबर तक पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट की स्थिति में रखा गया और लगातार कॉल कर डराया जाता रहा।

     

     

    ठगों के दबाव में आकर घनश्याम बाबू सिंह ने अपने बैंक खाते से दो बार में कुल 41.49 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। जब उनके बेटे विजय कुमार ने पासबुक में एंट्री करवाई तो खाते में बड़ी रकम गायब मिली। पूछताछ करने पर पहले पिता ने बात छिपाई, लेकिन बाद में पूरी घटना बताई।

     


    थाना प्रभारी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि रिटायर्ड अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगों ने 41.49 लाख रुपये की ठगी की है। मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और साइबर सेल की मदद से ठगों की पहचान व गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि किसी भी फोन कॉल पर डरकर पैसे न भेजें और ऐसे मामलों की तुरंत सूचना पुलिस को दें।