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    Chitrakoot Treasury Scam: कोषागार घोटाला कई जिलों से जुड़ा, 250 बैंक खातों में संदिग्ध आनलाइन लेनदेन

    Updated: Sat, 13 Dec 2025 09:14 PM (IST)

    Chitrakoot Treasury Scam: चित्रकूट कोषागार घोटाला कई जिलों से जुड़ गया है। इस मामले में 250 बैंक खातों में संदिग्ध ऑनलाइन लेनदेन पाया गया है। यह घोटाल ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, चित्रकूट। कोषागार घोटाले की परतें खुलने के साथ यह साफ हो गया है कि मामला केवल जनपद तक सीमित नहीं, बल्कि कई जनपदों में फैले बिचौलियों और दलालों के संगठित नेटवर्क से जुड़ा है। एसआइटी जांच में करोड़ों रुपये के गबन और अतंरजनपदीय लेनदेन के ठोस साक्ष्य मिले हैं।

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    जांच के दौरान यह सामने आया कि घोटाले के तार प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर और बांदा तक जुड़े हैं। ट्रांजेक्शन की कड़ी दर कड़ी पड़ताल में करीब 250 बैंक खातों में संदिग्ध आनलाइन लेनदेन के प्रमाण मिले हैं। कई ऐसे लोग भी चिह्नित किए गए हैं जिनके एक से अधिक खातों में गबन की रकम का लेनदेन किया गया।

     

    जिला कोषागार से वर्ष 2018 से सितंबर 2025 के बीच 93 पेंशनरों के खातों में फर्जी भुगतान आदेश के जरिए कुल 43 करोड़ 13 लाख रुपये का गबन किया गया। एसआइटी की जांच में सामने आया है कि इन खातों में छह ऐसे पेंशनरों के नाम शामिल थे जिनकी मृत्यु हो चुकी थी, लेकिन उनके नाम पर दोबारा खाते खोलकर भुगतान कराया गया।

     

    मृत पेंशनरों को कागजों में जीवित दिखाकर सीधे दलालों के खातों में धनराशि ट्रांसफर की गई। सूत्रों के अनुसार गबन की अधिकांश राशि पेंशनरों के खातों से नकद निकली गई। वहीं कुछ मामलों में दलालों ने चेक से भुगतान प्राप्त किया। इसके बाद रकम को ई-ट्रांजेक्शन के माध्यम से अन्य जनपदों के खातों में भेजकर खपाया गया।

     

    खातों के स्टेटमेंट मंगाए हैं

    एसआइटी इस बात की भी जांच कर रही है कि जिन खातों में रकम ट्रांसफर की गई, उनके खाताधारकों के घोटालेबाजों से रिश्तेदारी या नजदीकी संबंध क्या हैं। एसआइटी ने अब तक करीब 250 बैंक खातों के स्टेटमेंट मंगाए हैं और उनका मिलान किया जा रहा है। जिन लोगों के खातों में संदिग्ध लेनदेन मिले हैं, उनकी काल डिटेल रिकार्ड भी खंगाली जा रही है। इसके साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि गबन की रकम निकालने के बाद आरोपितों ने कहां-कहां और किस तरह की संपत्तियां अर्जित की हैं।

     

    93 खाताधारकों के खिलाफ रिपोर्ट

    इस घोटाले को लेकर 17 अक्टूबर को वरिष्ठ कोषाधिकारी रमेश सिंह ने कर्वी कोतवाली में पटल सहायक लेखाकार संदीप श्रीवास्तव व अशोक कुमार, सहायक कोषाधिकारी विकास सचान, सेवानिवृत्त सहायक कोषाधिकारी अवधेश प्रताप सिंह और 93 खाताधारकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोपित संदीप श्रीवास्तव की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।

     

    32 आरोपितों को भेजा जेल

    अब तक पुलिस 24 पेंशनरों और छह दलाल-बिचौलियों समेत कुल 32 आरोपितों को जेल भेज चुकी है। इनमें कोषागार कर्मी एटीओ विकास सचान और पटल सहायक अशोक वर्मा भी शामिल हैं। हालांकि अब तक केवल तीन करोड़ 64 लाख रुपये से अधिक की ही रिकवरी हो सकी है। एसआइटी का दावा है कि जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, और भी बड़े राजफाश और गिरफ्तारियां सामने आ सकती हैं।