चित्रकूट कोषागार घोटाला: ईडी कर सकती है कोषागार घोटाले की जांच, मनी लांड्रिंग की आशंका
चित्रकूट कोषागार में 43.13 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच अब ईडी कर सकती है। मनी लांड्रिंग की आशंका को देखते हुए ईडी ने कोषागार विभाग से एफआइआर की प्रत ...और पढ़ें
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जागरण संवादाता, चित्रकूट। चित्रकूट कोषागार घोटाले में एक के बाद एक राजफाश हो रहे हैं। इस कोषागार घोटाले की जांच ईडी कर सकती है। ईडी ने कोषागार घोटाले से संबंधित दस्तावेजों को मांगा है।
कोषागार में 43.13 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच में अब प्रवर्तन निदेशायल (ईडी) कर सकती है। घोटाले में मनी लांड्रिंग की आशंका को देखते हुए ईडी ने कोषागार विभाग से एक सप्ताह के भीतर एफआइआर की प्रति और अन्य अहम दस्तावेज तलब किए हैं। इससे संकेत मिल रहे हैं कि शासन स्तर पर मामले की जांच ईडी को सौंपे जाने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। ईडी की सक्रियता के बाद घोटाले में शामिल संदिग्धों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
वर्ष 2018 से सितंबर 2025 के बीच कोषागार से 93 पेंशनरों के खातों में एरियर मद के तहत अनियमित रूप से 43.13 करोड़ रुपये का भुगतान कर गबन किया गया। विभागीय जांच के बाद 17 अक्टूबर को वरिष्ठ मुख्य कोषाधिकारी रमेश सिंह ने 93 पेंशनरों और चार विभागीय कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। वर्तमान में इस मामले की जांच सीओ सिटी अरविंद वर्मा के नेतृत्व में गठित एसआइटी कर रही है। एसआइटी को अब तक लगभग ढाई सौ बैंक खातों में गबन की गई धनराशि के लेनदेन के साक्ष्य मिले हैं, जिनके तार न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि आसपास के प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर व बांदा जनपदों तक जुड़े बताए जा रहे हैं।
लगातार दो माह से चल रही जांच में दस्तावेजों में हेराफेरी और जटिल वित्तीय लेनदेन के कारण एसआइटी उलझी हुई है। सूत्रों का कहना है कि बड़े स्तर के घोटाले और उच्चाधिकारियों की संभावित संलिप्तता को देखते हुए ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से जांच किए जाने की संभावना प्रबल हो गई है। एडीएम वित्त एवं राजस्व उमेश चंद्र निगम ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय से पत्र आया है और कुछ अभिलेख मांगे गए है।

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