चित्रकूट कोषागार घोटाला में बड़ी कार्रवाई, एटीओ व दो पटल सहायक सहित 97 के खिलाफ मुकदमा, 12 हिरासत में
चित्रकूट कोषागार घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए सहायक कोषागार अधिकारी और दो पटल सहायकों समेत 97 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने 12 लोगों को हिरासत में लिया है। जांच में कोषागार से फर्जी तरीके से धन निकालने का खुलासा हुआ है। आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप में मामला दर्ज किया गया है, और आगे की जांच जारी है।
-1760715875838.webp)
जागरण संवाददाता, चित्रकूट। कोषागार में लगभग 100 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में शुक्रवार को वरिष्ठ कोषाधिकारी रमेश सिंह ने कर्वी कोतवाली में सहायक कोषाधिकारी (एटीओ) विकास सचान, पेंशन पटल के लिपिक संदीप श्रीवास्तव व अशोक कुमार, सेवानिवृत्त सहायक कोषाधिकारी अवधेश प्रताप सिंह व 93 खाताधारकों समेत 97 के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस विकास सचान समेत 12 आरोपितों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है, जबकि लिपिक संदीप श्रीवास्तव फरार है। जांच में अभी तक 43.13 करोड़ का हेरफेर मिल चुका है।
दो बैंक खातों में तीन करोड़ से अधिक, तीन खातों में दो करोड़ से ज्यादा व एक दर्जन खातों में एक करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ है। डीएम शिवशरणप्पा जीएन ने बताया कि आंतरिक जांच के आधार पर मुकदमा दर्ज कराया गया। शासन स्तर से गठित तीन सदस्यीय विशेष जांच समिति में शामिल अपर निदेशक पेंशन, अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) व वरिष्ठ कोषाधिकारी जांच कर रहे हैं।
जिला कोषागार के अफसरों व कर्मियों ने बिचौलियों, पेंशनरों के रिश्तेदारों, परिचितों से मिलीभगत कर वर्ष 2018 से 2025 के बीच सात सालों में अलग-अलग बैंक खातों में प्रापर्टी खरीदने की धनराशि बता रकम भेजी व 10 प्रतिशत कमीशन का लालच देकर उनसे ही रुपये निकलवा बंदरबांट कर लिया। यह घोटाला पेंशन व वेतन मद में फर्जी भुगतान आदेशों के माध्यम से किया गया। इसमें 93 सेवानिवृत्त शिक्षकों व कर्मचारियों के बैंक खातों का दुरुप्रयोग किया गया। कुछ बैंककर्मी भी फंस सकते हैं।
बीते दिनों आडिट में कोषागार कर्मियों ने अभिलेख दिखाने में आनाकानी की तो अग्रणी बैंक प्रबंधक के माध्यम से शक के दायरे में मिले 93 पेंशनरों के बैंक खाते सीज कराए गए। मऊ के खंडेहा की महिला पेंशनर कमला देवी की पेंशन अक्टूबर में उनकी यूपी ग्रामीण बैंक शाखा में नहीं आई, तब उन्होंने पेंशन की धनराशि बैंक से निकालकर लाने वाले अपने भाई से कारण पूछा। उसके जानकारी देने में आनकानी करने पर बैंक पहुंचीं तो 31 लाख रुपये का संदिग्ध लेनदेन मिला। उन्होंने अफसरों से शिकायत की तो पूरा भेद खुला। अब इन सबकी गर्दन फंस गई है।
वर्ष 2018 से अब तक वर्तमान एटीओ विकास सचान व सेवानिवृत्त एटीओ अवधेश प्रताप सिंह के कार्यकाल में 43.13 करोड़ रुपये की गड़बड़ी मिल चुकी है। एसपी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि सीओ सिटी अरविंद कुमार वर्मा के नेतृत्व में एसआइटी (विशेष जांच टीम) गठित की गई है। बीएनएस की धाराओं 316(5) (सरकारी कर्मचारियों द्वारा विश्वासघात), 61(2) (आपराधिक षड्यंत्र), 319-2 व 318-4 (धोखाधड़ी), 336(2) व 340 (2) (जालसाजी), 338 (बिलिंग कूटरचना) में रिपोर्ट लिखी गई है। इनमें आजीवन कारावास से लेकर 10 साल तक की सजा व जुर्माना का प्रविधान है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।