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    Chitrakoot Treasury Scam: करोड़ों के घोटाले में पेंशनरों के रिकार्ड तलब, ईडी की जांच को लखनऊ भेजे गए दस्तावेज

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 09:16 PM (IST)

    चित्रकूट कोषागार घोटाले में पेंशनरों के रिकॉर्ड तलब किए गए हैं। करोड़ों के इस घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच चल रही है, जिसके चलते आवश्यक ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, चित्रकूट। 43.13 करोड़ रुपये के कोषागार पेंशन गबन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दस्तावेज तलब किए जाने के बाद कोषागार विभाग में खलबली मची है। मनी लान्ड्रिंग की आशंका को देखते हुए ईडी ने इस प्रकरण में जांच शुरू कर दी है। इसके तहत कोषागार से 93 पेंशनरों से जुड़े अभिलेखों सहित सभी जरूरी दस्तावेज लखनऊ स्थित ईडी के उप जोन कार्यालय भेज दिए गए हैं। ईडी ने एसआइटी से भी अब तक की जांच रिपोर्ट मांगी है और सूत्रों के अनुसार अगले सप्ताह ईडी की टीम चित्रकूट आकर जांच कर सकती है।

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    सूत्रों के अनुसार ईडी की ओर से मांगे गए दस्तावेजों को गुरुवार की आधी रात तक कोषागार कार्यालय में तैयार कर प्रमाणित किया गया। इसके बाद शुक्रवार को सभी अभिलेख लखनऊ भेजे गए। भेजे गए दस्तावेजों में 93 पेंशनरों की मूल पत्रावलियों की प्रमाणित प्रतियां, पेंशन भुगतान का विवरण, संबंधित बैंक खातों की जानकारी, बैंक और शाखा के नाम, विशेष आडिट रिपोर्ट, विभागीय प्रारंभिक जांच रिपोर्ट और डिजिटल रिकार्ड शामिल हैं।

     


    अब तक की एसआइटी जांच में सामने आया है कि वर्ष 2018 से 2025 के बीच सात वर्षों में कोषागार के अधिकारियों, कर्मचारियों और बिचौलियों की मिलीभगत से 93 पेंशनरों के खातों में अनियमित भुगतान कर 43 करोड़ 13 लाख रुपये का गबन किया गया। पुलिस एसआइटी की जांच में करीब ढाई सौ बैंक खातों में गबन की धनराशि के लेनदेन के साक्ष्य मिले हैं।

     

    सूत्रों का दावा है कि इस धन का उपयोग रियल एस्टेट और अन्य संपत्तियां खरीदने में किया गया। जांच में यह भी सामने आया है कि पेंशन और वेतन मद में फर्जी भुगतान आदेश जारी कर रकम खातों में डाली गई। बाद में 10 प्रतिशत कमीशन का लालच देकर पेंशनरों से रुपये निकलवाकर आपस में बांट लिए गए। कई खाते मृत पेंशनरों के नाम पर दोबारा खोले गए थे। एक खाता राजेंद्र कुमार नाम से संचालित पाया गया, जिसका कोई वास्तविक अस्तित्व नहीं मिला।

     

    17 अक्टूबर को वरिष्ठ कोषाधिकारी रमेश सिंह ने कर्वी कोतवाली में पटल सहायक लेखाकार संदीप श्रीवास्तव, अशोक कुमार, सहायक कोषाधिकारी विकास सचान, सेवानिवृत्त सहायक कोषाधिकारी अवधेश प्रताप सिंह सहित 93 खाताधारकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अब तक दो कोषागार कर्मी, 24 पेंशनर और छह बिचौलियों को जेल भेजा जा चुका है। एक आरोपित संदीप श्रीवास्तव की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।