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    UP News: चार बच्चों व मां की हत्या में ऐतिहासिक फैसला, पति को फांसी और पत्नी को उम्रकैद की सजा

    Updated: Thu, 24 Jul 2025 05:53 PM (IST)

    चित्रकूट में 2017 में हुए एक हत्याकांड में अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अवधेश यादव को पत्नी और चार बच्चों की हत्या के जुर्म में फांसी की सजा सुनाई गई है। उसकी पत्नी जिसने अपराध में उसकी मदद की को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश अनुराग कुरील ने सुनाया। पुलिस जांच में आधार कार्ड से मामले का खुलासा हुआ था।

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    सजा के बाद दोषी अवधेश यादव व उसकी पत्नी मंटू उर्फ कुसुमकली को जेल लेकर जाती पुलिस। जागरण

    जागरण संवाददाता, चित्रकूट। जिले में 2017 में राजापुर के सिकरी अमान गांव में हुए चार मासूम बच्चों और उनकी मां की धारदार हथियार से गला रेत कर निर्मम हत्या के मामले में न्यायालय ने ऐतिहासिक निर्णय सुनाया है। 

    इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम पति ने प्रेमिका से छुटकारा पाने के लिए पत्नी से साथ मिलकर दिया था। न्यायालय मुख्य दोषी पति अवधेश यादव को फांसी की सजा सुनाई गई है, जबकि उसकी पत्नी मंटू उर्फ कुसुम कली को आजीवन कारावास व एक लाख 10 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश अनुराग कुरील ने सुनाया है। जिसमें मामले के मुख्य दोषी के साले के नाबालिग बेटे की गवाही अहम रही है।

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    मुख्य दोषी अमान अवधेश गुजरात में मोनो फैक्ट्री स्टील में मैनेजर की नौकरी करता था। उस कंपनी में बिहार जिला पटना थाना बख्तिआरपुर के माधवपुर निवासी सत्यनंद सिंह भी मुंशी का काम करता था, जिसकी पत्नी लालमुनि से अवधेश से अवैध संबंध हो गए थे। 

    वह प्रेमिका को उसके चार बच्चों के साथ अपने गांव सिकरी अमान ले आया था। 

    चार दिन घर में रखने के बाद पत्नी के साथ मिल कर पांचों को धारदार हथियार के काट डाला था और बोरा में भरकर फेंक दिया था। 

    गांव के चौकीदार ने रामचंद्र यादव ने थाना राजापुर में 25 अप्रैल 2017 को तहरीर दी थी। जिसमें बताया था कि गांव के कछुवा नाला के पास काले रंग को बेरा में सात व 11 वर्षीय दो लड़की के शव है, जबकि अमान सड़क किनारे एक बोरा में तीन-पांच वर्षीय बच्चे व बच्ची का शव है, जिनकी हत्या कर फेंका गया है। 

    पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था, जबकि दूसरे दिन महिला का शव सुगंधा तालाब में बोरी में भरा मिला था। जिसकी चौकीदार ने अलग से रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

    आधार कार्ड से खुली थी घटना

    अपर शासकीय अधिवक्ता अजय सिंह ने तहरीर के अनुसार, पूरी तरह से ब्लाइंड मर्डर था। हत्यारों ने बच्चों और उनकी मां को मार कर फेंक दिया था और सुबूत मिटाने के लिए शव के साथ कपड़े व किताब कापी भी बोरा में भर दिया था। 

    पुलिस ने सामान की जांच की थी तो एक किताब में अवधेश यादव का आधार कार्ड मिल था। अवधेश को पकड़ कर कड़ाई से पूछताछ की गई थी तो उसने हत्या कुबूल कर ली थी। उसके घर से हत्या में प्रयोग चाकू भी मिल गया था। 

    उनसे ही बताया था कि जो शव मिले हैं, उसमें महिला उसकी प्रेमिका लालमुनि थी। दो बोरा में उसके बच्चे 11 वर्षीय रीता, नौ वर्षीय संगीता, पांच वर्षीय गीता और तीन वर्षीय किशन के शव है। 

    बताया कि प्रेमिका उसको अपने गांव ले चलने का दबाव बना रही थी और धमकी दे रही थी कि यदि ऐसा नहीं किया तो पुलिस को बता देगी। फिर वह यहां से आया था और योजना के तहत पत्नी के साथ मिल कर पांचों की हत्या कर दिया। 

    पुलिस ने दंपती को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और सात दिसंबर 2017 को आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया था। 

    मुख्य दोषी के साले के नाबालिग बेटे विपिन यादव व प्रेमिका के पति सत्यनंद सिंह सहित 21 गवाह के बाद 16 जुलाई को कोर्ट ने दोनों को दोषी मानते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया था और न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेजवा दिया था।