खाद की कालाबाजारी का भंडाफोड़, दो लाइसेंस निलंबित, एक पर मुकदमा, कृषि विभाग ने की सख्त कार्रवाई
चित्रकूट जिले के मऊ में खाद की कालाबाजारी पर बड़ी कार्रवाई हुई है। एक दुकानदार पर बिना लाइसेंस यूरिया बेचने के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई। दो अन्य दुकानों के लाइसेंस टॉप-20 यूरिया खरीदारों की सूची में गड़बड़ी मिलने पर निलंबित किए गए। कृषि विभाग ने पीओएस मशीन से आधार आधारित वितरण के निर्देश दिए थे जिसकी अवहेलना पर यह कार्रवाई की गई। विभाग दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।

जागरण संवाददाता, चित्रकूट। जिले के मऊ थाना क्षेत्र में खाद की कालाबाजारी को लेकर बड़ी कार्रवाई की गई है। कृषि विभाग की जांच में बिना वैध लाइसेंस के यूरिया विक्रय और किसानों को निर्धारित मात्रा से अधिक उर्वरक वितरण के मामलों का खुलासा हुआ है।
मऊ कस्बे में स्थित एसी जंक्शन केंद्र के संचालक उमेश चंद्र मिश्र पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कराई है। जांच में सामने आया कि उनके प्रतिष्ठान का लाइसेंस नवंबर 2024 में समाप्त हो चुका था, लेकिन इसके बावजूद खाद का व्यवसाय जारी रखा गया। वहीं दो दुकानदारों की टाप-20 यूरिया खरीदारों की सूची में अनियमितता मिली है जिनका लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है।
बता दें कि एक ओर किसान एक-एक बोरी डीएपी व यूरिया के लिए भूखे प्यासे धूप व बारिश में जूझ रहे हैं तो निजी दुकानदार और समितियों में सचिव मनमानी कर रहे हैं। शुक्रवार को बरगढ़ समिति में किसानों ने ताला लगाकार हंगामा किया था।
जिला कृषि अधिकारी आरपी शुक्ला ने बताया कि उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के उल्लंघन के तहत उमेशचंद्र मिश्र को दो गंभीर आरोपों में नामजद किया गया है पहला, बिना प्राधिकार पत्र के उर्वरक क्रय-विक्रय, और दूसरा समय पर नवीनीकरण न कराने के बावजूद विक्रय जारी रखना।
विभाग ने संचालक को कई बार नोटिस जारी कर साक्ष्य सहित जवाब देने का मौका भी दिया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इसी क्रम में राजापुर स्थित मेसर्स मनोज कुमार अग्रहरि खाद बीज भंडार और रामनगर के मेसर्स न्यू जायसवाल खाद बीज भंडार पर भी बड़ी कार्रवाई हुई है।
टाप-20 यूरिया क्रेताओं की जांच में इन प्रतिष्ठानों द्वारा किसानों को 40 बोरी से अधिक खाद वितरण की पुष्टि हुई, जिससे जिले में कृत्रिम खाद संकट उत्पन्न हुआ। इसके चलते दोनों प्रतिष्ठानों के लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए गए हैं।
जिला कृषि अधिकारी द्वारा स्पष्ट किया गया है कि खाद वितरण में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए पीओएस मशीन से आधार आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन, भूमि अभिलेख और फसल की मांग के आधार पर ही खाद वितरण के निर्देश दिए गए थे।
इन निर्देशों की अवहेलना पर विभाग ने कड़ा रुख अपनाया है। कृषि अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि जांच में दोषी पाए जाने वाले विक्रेताओं के खिलाफ आगे भी कठोर विधिक कार्यवाही की जाएगी। किसानों के हक के साथ खिलवाड़ करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
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