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    यूपी की इस तहसील में क्यों पसरा सन्नाटा? माहौल में खौफ की आहट, कर्मचारियों-अधिकारियों में मचा हड़कंप

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 12:15 PM (IST)

    चित्रकूट तहसील में एंटी करप्शन टीम की छापेमारी के बाद सन्नाटा पसरा है। रिश्वत लेते कर्मचारी पकड़े गए जिससे कामकाज ठप हो गया है। लोग प्रमाण पत्रों और नामांतरण के लिए परेशान हैं क्योंकि कर्मचारी डर के मारे फाइलें नहीं छू रहे। अधिकारी नियम से काम करने की बात कह रहे हैं। वहीं कुछ अन्य कर्मचारियों के भी शामिल होने की आशंका है।

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    सदर तहसील कार्यालय इक्का दुक्का कर्मचारियों को छोड़कर पूरा दिन पसरा रहा सन्नाटा। जागरण

    जागरण संवाददाता, चित्रकूट। एंटी करप्शन टीम द्वारा माल बाबू और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद बुधवार को कर्वी तहसील में सन्नाटा रहा और माहौल में खौफ साफ नजर आया। अधिकांश कर्मचारी कार्यालयों से दूरी बनाकर चलते रहे। जो कर्मचारी मौजूद भी रहे, वे भी फाइलों को हाथ लगाने से बचते नजर आए।

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    कार्रवाई के बाद कर्मचारियों में डर इस कदर है कि सामान्य प्रक्रिया वाली फाइलें भी अब रोक दी गई हैं। आम जनता जो प्रमाण पत्र, दाखिल-खारिज या नामांतरण जैसे कार्यों के लिए तहसील पहुंच रही है, उसे निराश होकर लौटना पड़ रहा है।

    कई लोगों ने आरोप लगाया कि अब बिना घूस के काम तो पहले ही नहीं हो रहा था, अब डर के कारण भी नहीं हो रहा। तहसील में उपस्थिति अधिकारियों का कहना है कि अब हम नियम से ही काम करेंगे, कोई गलती नहीं करेंगे, चाहे काम में देर ही क्यों न हो जाए।

    वहीं, कुछ अधिकारी मामले को लेकर खुद को अलग करते हुए कह रहे हैं कि यह मामला केवल पकड़े गए कर्मचारियों तक सीमित है, बाकी स्टाफ निर्दोष है।

    तहसील आए फरियादियों ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह कार्रवाई स्वागत योग्य है, लेकिन इसका असर कामकाज पर नहीं पड़ना चाहिए। अगर डर के कारण कर्मचारी अब कोई भी निर्णय नहीं ले रहे, तो इससे जनता ही पिसेगी। शासन को चाहिए कि कार्रवाई के साथ-साथ सिस्टम को भी दुरुस्त करे।

    सूत्रों की मानें तो एंटी करप्शन टीम द्वारा पकड़े गए कर्मचारियों से पूछताछ में कुछ और नाम भी सामने आए हैं। जांच पूरी होने के बाद और कर्मचारियों पर शिकंजा कस सकता है। तहसील में अब हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है।

    तहसीलदार के पटल में लंबित पड़ा था हैसियत प्रमाण पत्र

    सूत्रों के मुताबिक, हैसियत प्रमाण पत्र में लेखपाल ने दो दिवस और कानूनगो ने भी एक दिवस के भीतर ही प्रमाण के आवेदन में रिपोर्ट लगाकर तहसीलदार चंद्रकांत तिवारी के पटल में भेज दिया था। जो दो सप्ताह भर से सदर तहसीलदार के पटल में लंबित पड़ा था।

    पुरवा तरौंहां निवासी रमाकांत द्विवेदी ने अपनी पत्नी पूनम देवी के नाम हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आठ सितंबर को कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन को प्रार्थना पत्र दिया।

    तहसीलदार ने कहा कि पूरी तहसील उनकी है, किसी भी पटल में कोई काम लंबित है, उनका ही पटल माना जाएगा, लेकिन हैसियत प्रमाण पत्र बनाने की समय सीमा 45 दिन है।

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