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    काशी की तर्ज पर चित्रकूट का विकास, इस तरह होगा नदियों का पुनरुद्धार, स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा

    Updated: Sun, 09 Nov 2025 05:39 PM (IST)

    चित्रकूट का विकास काशी की तर्ज पर होगा। जहां धार्मिक और पर्यटन स्थलों को आकर्षक बनाया जाएगा। मंदाकिनी, वाल्मीकि, बाणगंगा और गेंडुवा नदियों का पुनरुद्धार किया जाएगा।

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    जागरण संवाददाता, चित्रकूट। बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी की तर्ज पर अब प्रभु श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट का भी व्यापक विकास किया जाएगा। धार्मिक और पर्यटन स्थलों को आकर्षण का केंद्र बनाते हुए जिले के प्राकृतिक व ऐतिहासिक स्वरूप को संवारने की तैयारी शुरू हो चुकी है। जिलाधिकारी पुलकित गर्ग ने बताया कि शासन की मंशा के अनुरूप विकास कार्यों को गति दी जाएगी। उन्होंने दैनिक जागरण के संवाददाता प्रवीण कुमार से विशेष बातचीत में जिले के विकास का विस्तृत खाका प्रस्तुत किया।

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    शहर और जिले के विकास को मिलेगी रफ्तार

    डीएम पुलकित गर्ग ने बताया कि चित्रकूट जिले में अधूरी पड़ी परियोजनाओं को जल्द पूरा कराया जाएगा। प्रत्येक विकास परियोजना का स्थलीय निरीक्षण वे स्वयं करेंगे। शासन की प्राथमिकता वाले कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिले में धर्मार्थ व पर्यटन परियोजनाओं की गुणवत्तापूर्ण समय पर पूर्ति के लिए कड़ी निगरानी रखी जाएगी।


    धार्मिक व पर्यटन स्थलों का होगा सौंदर्यीकरण

    चित्रकूट एक प्रमुख धार्मिक नगरी है, जहां प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु आते हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि उन्हें गर्व है कि काशी के बाद अब उन्हें चित्रकूट में कार्य करने का अवसर मिला है। वे स्वयं सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों और पर्यटन स्थलों का निरीक्षण करेंगे। रामघाट समेत अन्य घाटों को सजाया-संवारा जाएगा ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।


    जल संकट से निपटने के लिए विशेष योजना

    गर्मी के मौसम में जिले में पानी की समस्या को देखते हुए डीएम ने कहा कि पहले भी चित्रकूट को जल प्रबंधन के लिए कई अवार्ड मिल चुके हैं। अब उन्हीं सफल योजनाओं को और आगे बढ़ाया जाएगा ताकि आने वाले वर्षों में जिले से पेयजल संकट पूरी तरह समाप्त किया जा सके।


    विलुप्त होती नदियों का होगा पुनरुद्धार

    चित्रकूट की प्राचीन नदियों मंदाकिनी, वाल्मीकि, बाणगंगा और गेंडुवा के पुनरुद्धार की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने के सवाल पर जिलाधिकारी ने बताया कि मनरेगा के तहत कार्ययोजना तैयार कराई जा रही है। साधु-संतों, समाजसेवियों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों के सहयोग से इन नदियों में फिर से कल-कल करती धार बहाने की तैयारी है। साथ ही, रेन वाटर हार्वेस्टिंग को भी बढ़ावा दिया जाएगा ताकि जल स्तर में सुधार हो सके।


    अवैध अतिक्रमण और भू-माफियाओं पर सख्त कार्रवाई

    डीएम ने साफ किया कि अवैध अतिक्रमण और बिना नक्शा पास किए हो रही प्लाटिंग पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि शहर के किसी भी हिस्से को भू-माफियाओं द्वारा बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा। कर्वी, राजापुर, मानिकपुर और मऊ नगर पंचायतों में प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत ले-आउट तैयार करवाए जाएंगे ताकि वैध भूखंडों और आवासीय योजनाओं को बढ़ावा मिले और अवैध निर्माण स्वतः कम हों।


    जनसुनवाई और अधिकारियों की जवाबदेही

    जिलाधिकारी ने कहा कि सुबह कार्यालयों में जनसुनवाई को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। शासन की योजनाओं और जनहित के कार्यों में लापरवाही करने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।


    लोकल उत्पादों से बढ़ेगा स्वरोजगार

    चित्रकूट में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए एक अनोखी पहल की गई है। अब किसी भी कार्यक्रम में बुके की जगह स्थानीय मिट्टी और लकड़ी के खिलौने भेंट किए जाएंगे। डीएम ने कहा कि इस पहल से स्थानीय उत्पादों की मांग बढ़ेगी और जनपदवासी घर बैठे लाभ कमा सकेंगे। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे स्थानीय उत्पादों को अपनाकर आत्मनिर्भर चित्रकूट के निर्माण में भागीदार बनें।