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    चंदौली में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद का बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Mon, 29 Dec 2025 05:35 PM (IST)

    चंदौली में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। जीटी रोड स्थित काली मंदिर के पा ...और पढ़ें

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    प्रदर्शन के दौरान चंदौली में हिंदू एकता पर जोर दिया गया।

    जागरण संवाददाता, चंदौली। बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने जीटी रोड स्थित काली मंदिर के पास बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ एक प्रभावशाली प्रदर्शन किया। इस अवसर पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख का पुतला भी जलाया गया।

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    इस प्रदर्शन में विधायक रमेश जायसवाल, विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री शशि, जिला उपाध्यक्ष मीणा वैश्य, संपर्क प्रमुख रामावतार तिवारी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। यह रैली नगर के कैलाशपुरी शिव मंदिर परिसर से प्रारंभ होकर जीटी रोड स्थित काली मंदिर पर समाप्त हुई। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के खिलाफ कड़ा विरोध व्यक्त किया और सनातन धर्म एवं हिंदू एकता के लिए लोगों को प्रेरित किया।

    प्रदर्शन के दौरान ट्रेड एसोसिएशन के पदाधिकारी हरिशंकर सिंह मुन्ना ने सरकार से बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।

    ट्रेड एसोसिएशन के अन्य पदाधिकारी सतीश जिंदल और मनोज अग्रवाल ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में रह रहे हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने हिंदू एकता का संदेश देते हुए जोर दिया कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एकजुट होना आवश्यक है।

    प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ नारेबाजी की और हिंदू समुदाय के अधिकारों की रक्षा की मांग की। इस दौरान उपस्थित लोगों ने एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए यह संकल्प लिया कि वे अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे।

    यह प्रदर्शन न केवल बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ एक आवाज था, बल्कि हिंदू एकता और सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम भी था। प्रदर्शनकारियों ने यह स्पष्ट किया कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए हमेशा तैयार रहेंगे।