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    यूपी में रेलवे ने पटरियों के किनारे शुरू कर दिया ये काम, रखे जाएंगे बोरी-स्टोन और बोल्डर

    Updated: Wed, 06 Aug 2025 03:48 PM (IST)

    बारिश और बाढ़ के कारण रेलवे ने नदी किनारे के ट्रैक की निगरानी बढ़ा दी है। ट्रैक के किनारे बोरी और पत्थर रखने के निर्देश दिए गए हैं ताकि कटाव रोका जा सके। रेलवे मंडल को निगरानी रखने और ट्रेनों की गति बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। यात्रियों की सुरक्षा के लिए पटरियों के किनारे मजबूत किए जा रहे हैं।

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    बारिश के मद्देनजर रेलवे ट्रैक की बढ़ाई गई निगरानी

    जागरण संवाददाता, पीडीडीयू नगर (चंदौली)। बारिश और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए रेलवे ने नदी किनारे स्थित ट्रैक की निगरानी को और अधिक सख्त कर दिया है। रेलवे प्रशासन ने निर्देश दिया है कि ट्रैक के किनारे बोरी, स्टोन और बोल्डर रखे जाएं, ताकि नदी किनारे कटान को रोका जा सके।

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    इस मौसम में रेलवे ने ट्रैक की सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाए हैं, जिसमें कट स्टोन लगाने के साथ-साथ रेल पटरियों को सुरक्षित करने का कार्य शामिल है।

    रेलवे मंडल और जोन को इस स्थिति की मानीटरिंग करने के लिए निर्देशित किया गया है। मालगाड़ी और यात्री ट्रेनों की गति को भी बढ़ाया गया है, ताकि परिचालन में कोई बाधा न आए। रेल पटरियों के किनारे के हिस्से को मजबूत किया जा रहा है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

    हावड़ा से आने वाली रेल लाइन, जो पीडीडीयू जंक्शन से वाराणसी कैंट जंक्शन तक फैली हुई है, पूर्वोत्तर राज्यों सहित अन्य रेलखंडों को जोड़ती है। इस व्यवस्था के तहत इस महत्वपूर्ण रेल मार्ग को सुरक्षित किया गया है।

    फुट पेट्रोलिंग व विंडो ट्रेनिंग के साथ निरीक्षण

    बारिश और बाढ़ के दौरान रेलवे ट्रैक की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए फुट पेट्रोलिंग और विंडो ट्रेलिंग का सहारा लिया जा रहा है। इन उपायों से रेलवे ट्रैक पर किसी भी प्रकार की समस्या या खतरे का त्वरित पता लगाया जा सकता है।

    फुट पेट्रोलिंग के जरिए ट्रैक की नियमित निगरानी की जा रही है, जबकि विंडो ट्रेलिंग के दौरान पुलों और ट्रैक की सुरक्षा की जांच की जा रही है। रेलवे अधिकारी नियमित रूप से पुलों का निरीक्षण कर रहे हैं। डीआरएम उदय सिंह मीना ने कहा कि बारिश और बाढ़ से रेल ट्रैक की सुरक्षा के लिए यह पहल की गई है।