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    चंदौली में गंगा के जलस्तर में वृद्धि, तटवर्ती गांवों के लोगों में दहशत; चेतावनी बिंदु के ऊपर से पहुंचा पानी

    टांडाकलां से मिली खबर के अनुसार गंगा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है जिससे तटवर्ती गांवों में दहशत का माहौल है। जलस्तर चेतावनी बिंदु से ऊपर पहुँच गया है और खेतों में पानी भरने से किसानों की फसलें डूब गई हैं जिससे उनकी आजीविका पर संकट आ गया है।

    By Ashwani Chaurasia Edited By: Vinay Saxena Updated: Wed, 27 Aug 2025 06:07 PM (IST)
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    चंदौली: बलुआ घाट के चौतरफा लगा पानी। जागरण।

    जागरण संवाददाता, टांडाकला (चंदौली)। बलुआ स्थित गंगा के जलस्तर में विगत तीन दिनों से लगातार हो रही बढ़ोतरी से तटवर्ती गांवों के लोगों की बेचैनी एक बार फिर से बढ़ गई हैं। बुधवार को गंगा का जलस्तर 70.30 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी बिंदु 70.262 से ऊपर जबकि खतरे की स्थिति 71.262 मीटर से नीचे है।

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    अगर इसी तरह गंगा का पानी बढ़ता रहा तो दो चार दिनों में पानी तटवर्ती गांवों में प्रवेश करने लगेगा। 48 घंटे में गंगा का जलस्तर 15 फीट बढ़ा है। महिला चेंजिंग रूम डूबते हुए शव दाह गृह तक पानी पहुंच गया है। गंगा में जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की आशंका पुनः बढ़ गई है।

    बीते दिनों बाढ़ से गंगा के तटवर्ती गांव भूपौली, डेरवा, महड़ौरा, कांवर, पकड़ी, महुअरिया, विशुपुर, महुआरी खास, सराय, बलुआ, डेरवाकला, महुअर कला, हरधन जुड़ा, गंगापुर, पुराविजयी, पुरागणेन, चकरा, हरधनजुड़ा, सोनबरसा, टांडाकला, महमदपुर, सरौली, तीरगांवा, हसनपुर, बड़गांवा, नादी निधौरा, सहेपुर आदि गांवों के खेतों में धान की रोपी गई फसल और पशुओं का हरा चारा पानी में डूबकर बर्बाद हो गया।

    घाट किनारे झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों को विषैले जानवरों का खतरा बना हुआ है। पुनः बढ़ते जलस्तर को लेकर के खेतों में लगी फसलें पानी के कारण बर्बाद हो जाने से किसानों की रोजी रोटी पर भी संकट मंडराने लगा है।

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