यूपी के इस जिले में मजदूरों को काम करने से पहले कराना होगा ई-केवाईसी, 15 दिन का मिला समय
चंदौली के नौगढ़ में मनरेगा मजदूरों के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिया गया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि ई-केवाईसी के बिना काम नहीं मिलेगा। यह व्यवस्था पारदर्शिता लाने और गलत भुगतान रोकने के लिए है। रोजगार सेवक और महिला मेट ई-केवाईसी कराएंगे और एपीओ सुरेंद्र कुमार नोडल अधिकारी होंगे। अधिकारियों को 15 दिन में यह कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया है।

जागरण संवाददाता, नौगढ़ (चंदौली)। मनरेगा के तहत कार्य करने वाले मजदूरों को अब काम शुरू करने से पहले ई केवाईसी अनिवार्य रूप से कराना होगा। प्रशासन की ओर से इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी किए है। कहा गया है कि जिन भी मजदूरों का ई केवाईसी पूरा नहीं होगा, वे मनरेगा के अंतर्गत उनका किसी भी कार्य स्थल पर नियोजन नहीं हो पाएगा।
बीडीओ अमित कुमार ने बताया कि यह व्यवस्था मनरेगा मजदूरों की शत-प्रतिशत शुद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है ताकि किसी भी प्रकार की फर्जी प्रविष्टि या भुगतान में गड़बड़ी न हो।
ई-केवाईसी कराए जाने के बाद ही मजदूरों का कार्य दिवस दर्ज होगा और भुगतान भी उसी आधार पर होगा। सभी ग्राम पंचायतों में कार्यरत रोजगार सेवक और महिला मेठ को ई-केवाईसी कराने की जिम्मेदारी दी गई है।
वे मनरेगा मोबाइल ऐप के माध्यम से लाभार्थियों की जानकारी का सत्यापन कर उनकी पहचान की प्रक्रिया पूरी करेंगे। इसके साथ ही, ई-केवाईसी कार्य को सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिए एपीओ सुरेंद्र कुमार को पूरे ब्लाक स्तर पर नोडल अधिकारी नामित किया गया है।
वे सभी ग्राम पंचायतों में होने वाली प्रगति की निगरानी करेंगे और समय-समय पर रिपोर्ट बीडीओ कार्यालय को उपलब्ध कराएंगे। खंड विकास अधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों और कार्मिकों को निर्देशित किया कि 15 दिन के भीतर मजदूरों का ई-केवाईसी का कार्य हर हाल में पूर्ण कर लिया जाए।
साथ ही मजदूरों से अधिकाधिक संपर्क स्थापित कर उन्हें इस प्रक्रिया के बारे में जागरूक किया जाए, ताकि किसी का रोजगार बाधित न हो। इस नए निर्देश के बाद अब ब्लाक नौगढ़ में मनरेगा मजदूरों को काम पर जाने से पहले ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य होगा।
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