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    Chandauli: सरकार ने 2023 को मोटा अनाज वर्ष किया घोषित, खरीफ सीजन में मोटे अनाज की खेती से मिलेगा पोषक तत्व

    By Jagran NewsEdited By: riya.pandey
    Updated: Sat, 17 Jun 2023 02:55 PM (IST)

    सरकार की ओर से वर्ष 2023 को मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया है। इसके मद्देनजर कृषि विज्ञान केंद्र के विज्ञानी अन्नदाताओं को मोटा अनाज ज्वार बाजरा रागी और कोदो आदि की खेती के बाबत प्रेरित कर रहे हैं।

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    सरकार की ओर से वर्ष 2023 को मोटा अनाज वर्ष किया गया घोषित

    जागरण संवाददाता, चंदौली : किसान खरीफ सीजन में मोटा अनाज ज्वार, बाजरा, रागी और कोदो की खेती कर सकते हैं। इससे उन्हें अनाज के रूप पोषक तत्व तो मिलेगा ही बाजार में उचित मूल्य मिलने से मुनाफा भी होगा।

    सरकार ने वर्ष 2023 को मोटा अनाज वर्ष किया घोषित

    दरअसल सरकार की ओर से वर्ष 2023 को मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया है। इसके मद्देनजर कृषि विज्ञान केंद्र के विज्ञानी अन्नदाताओं को मोटा अनाज ज्वार, बाजरा, रागी और कोदो आदि की खेती के बाबत प्रेरित कर रहे हैं। विज्ञनियों की ओर से किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिए जानकारी भी दी जा रही है। मसलन उन्नत बीज के साथ बोआई की गहराई, उर्वरक प्रबंधन, बीज दर, बोआई का समय और खेत की तैयारी के बाबत भी बताया जा रहा है ताकि किसानों को उपज का बेहतर उत्पादन हो सके।

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    खेत की कैसे करें तैयारी ?

    किसान ज्वार व बाजरा की खेती के लिए दो से तीन बार कल्टीवेटर से खेत की जोताई कर दें। इसके बाद पाटा लगा दें। वहीं रागी व कोदो के लिए दो से तीन बार हैरो से गहरी जोताई कर पाटा लगाएं।

    मोटे अनाज के उन्नत बीज

    उन्नत बीज के रूप में बाजरा में पीएसबी -13, एचएचबी- 146, पूसा संकर बाजरा का उपयोग कर सकते हैं। ज्वार में सीएमबी- पांच व छह, रागी में वीएल-252, 149 आरएयू आदि प्रजातियां हैं। कोदो में जेके-1341 व 155 की खेती की जा सकती है।

    इस माह में करें बुवाई

    बाजरा की बुवाई जुलाई के अंतिम सप्ताह व ज्वार जून और रागी व कोदो की बोआई जून और जुलाई माह में की जा सकती है। ज्वार और बाजरा में पंक्ति से पंक्ति की दूरी 45 सेंटी मीटर और पौधे से पौधे की दूरी 12 से 15 सेंटीमीटर होनी चाहिए। वहीं रागी में पंक्ति से पंक्ति की दूरी 20 से 25 सेंमी और पौधे से पौधे की दूरी 10 सेंटी मीटर होनी चाहिए। कोदो में पंक्ति से पंक्ति की दूरी 25 से 30 सेंमी और पौधे से पौधे की दूरी 10 सेंटी मीटर होनी चाहिए।

    कृषि विज्ञान केंद्र के मृदा विज्ञानी हनुमान पांडेय के अनुसार खरीफ सीजन में किसान मोटे अनाज की खेती से बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। अनाज के जरिए उन्हें पोषक तत्व भी मिलेगा।