चंदौली पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ता को ही कर दिया नजरबंद, बोले- 'कभी नहीं सोचा था ऐसा दिन देखना पड़ेगा'
प्रधानमंत्री मोदी के वाराणसी दौरे के दौरान चंदौली पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ता ओम प्रकाश सिंह को हाउस अरेस्ट कर दिया। बबुरी पुलिस ने गलती से यह कार्रवाई की जिससे कार्यकर्ता ने सोशल मीडिया पर निराशा व्यक्त की। ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि वह हमेशा पार्टी के साथ खड़े रहे हैं।

जागरण संवाददाता, चंदौली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वाराणसी दौरे को लेकर पुलिस बुधवार की रात से ही चौकन्नी रही। विरोध दल, किसान समेत अन्य फ्रंटों नेताओं को नजरबंद करना शुरू कर दिया था। मजे की बात यह कि बबुरी थाने की पुलिस ने भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता और खुरूहूजा गांव के पूर्व प्रधान ओम प्रकाश सिंह को भी हाउस अरेस्ट कर दिया।
वैसे तो पुलिस की कार्यशैली हमेशा से ही चर्चा में रही है लेकिन इस बार सत्ता पक्ष के कार्यकर्ता को ही विपक्ष का कार्यकर्ता साबित कर ऐसा पहरा बिठाया कि इंटरनेट मीडिया से लेकर पार्टी स्तर पर पदाधिकारी भी एक बारगी चौंक गए। पुलिस को जिम्मा मिला था कि विरोधी दल वालों पर कार्रवाई करें लेकिन जिले में सत्ता पक्ष के ही कार्यकर्ता को घेर कर पुलिस बैठ गई।
इसके बाद उन्होंने अपने फेसबुक एकाउंट पर इसकी जानकारी शेयर की तो खलबली मच गई। मामले में सीओ पीडीडीयू नगर कृष्ण मुरारी शर्मा ने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं थी । संभावना है कि एक ही नाम के दो व्यक्तियों के चलते यह गलती हो गई हो।
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पुलिस ने पूर्व प्रधान को रात करीब एक बजे से घर में ही नजरबंद कर दिया गया। बबुरी थाने से पहुंचे उप निरीक्षक रामकेवल प्रसाद ने उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने का निर्देश दिया। इस घटना से व्यथित होकर पूर्व प्रधान ने अपनी पीड़ा इंटरनेट मीडिया में जाहिर की। फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा दिन देखना पड़ेगा।
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उन्होंने कहा कि वह चुनाव चिन्ह दीपक से लेकर कमल तक पार्टी के साथ खड़े रहें हैं और अब भी पार्टी में उनका सक्रिय योगदान रहता है। भाजपा के कठिन समय से ही संगठन से जुड़े हैं। लेकिन, आज उसी पार्टी की सरकार में उन्हें अपने ही घर में कैद कर दिया गया। भाजपा जिलाध्यक्ष काशीनाथ सिंह ने कहा कि खुरूहुजा के पूर्व प्रधान ओमप्रकाश सिंह जमीनी कार्यकर्ता हैं। उनके साथ ऐसा किया गया है तो जांच कराकर कार्रवाई कराई जाएगी। वहीं जिले भर में गुरुवार को भाजपा के ही कार्यकर्ता को पुलिस द्वारा रोके जाने को लेकर खूब चर्चा रही।
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