दिव्यांग मानवेंद्र ने नहीं मानी हार, पहले प्रयास में पास की UPSC Engineering Services परीक्षा
Bulandshahr news : बुलंदशहर के निवासी मानवेंद्र ने पहले ही प्रयास में सामान्य श्रेणी में यूपीएससी की इंजीनियरिंग सर्विस परीक्षा में 112वीं रैंक प्राप् ...और पढ़ें

मानवेंद्र को मिठाई खिलातीं माता रेनू सिंह।
अमर सिंह राघव, जागरण, बुलंदशहर। 'होनहार बिरवान के होत चिकने पात... यह कहावत 50 प्रतिशत दिव्यांग मानवेंद्र सिंह पर बिल्कुल सटीक बैठती है। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की इंजीनियरिंग सर्विस परीक्षा में मानवेंद्र ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से सफलता पाई है। मानवेंद्र ने पहले ही प्रयास में सामान्य श्रेणी में 112वीं रैंक हासिल कर दिव्यांगता पर सफलता का परचम लहराया है।
शहर की आवास विकास-प्रथम कालोनी निवासी 24 वर्षीय दिव्यांग मानवेंद्र यूपीएससी इंजीनियरिंग सर्विस की परीक्षा में सफल हुए हैं। बचपन से ही वह पढ़ने में बहुत होनहार थे। मानवेंद्र ने दिव्यांगता पर अपनी मेधा से ऐसा प्रहार किया कि सारी बाधाएं टूट गईं। मानवेंद्र ने सीबीएसई के खालसा सीनियर सेकेंडरी स्कूल से साल 2017 में हाईस्कूल 10 सीजीए के साथ उत्तीर्ण कर अपनी मेधा का परिचय दिया था।
साल 2019 में माडर्न पब्लिक स्कूल से 89 प्रतिशत अंक के साथ 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। बीटेक की प्रवेश परीक्षा में 63वीं रैंक पाकर अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिया था। साल 2024 में मानवेंद्र ने आइआइटी पटना से ए प्लस ग्रेड में बीटेक की परीक्षा पास की थी।
बीटेक करने के बाद मानवेंद्र ने यूपीएससी इंजीनियरिंग सर्विस की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। मानवेंद्र की मां रेनू सिंह सेंट आरजे पब्लिक स्कूल में प्रिंसिपल हैं। वह दो भाई-बहन हैं। बहन मृदुला सिंह भी यूपीएससी की तैयारी कर रही हैं। मानवेंद्र ने अपनी सफलता का श्रेय मां व गुरुजनों को दिया है। मानवेंद्र ने कहा कि यूपीएससी की तैयारी करने वाले अपने ऊपर विश्वास रखें। अपने लक्ष्य से नहीं भटकें, सफलता निश्चित मिलेगी।
50 से अधिक डाक्टरों को दिखाया नहीं मिली सफलता
मां रेनू सिंह ने बताया कि मानवेंद्र बचपन से ही दिव्यांग हैं। जन्म के छह माह बाद दिव्यांगता की जानकारी हुई। सबसे पहले दिल्ली के लेडी हार्डी हास्पिटल में दिखाया। डाक्टरों ने सेरेब्रल पाल्सी की बीमारी के कारण 50 प्रतिशत दिव्यांगता के बारे में जानकारी दी। आज तक 50 से अधिक डाक्टरों से उपचार कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
जन्मदिन पर मिला सफलता को तोहफा
मानवेंद्र ने बताया कि 17 दिसंबर को उनका जन्मदिन होता है। यूपीएससी ने 17 दिसंबर को ही इंजीनियरिंग सर्विस की परीक्षा की परिणाम जारी किया था। सफलता के रूप में जन्मदिन का उपहार मिला है।

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