एसएसपी दिनेश कुमार सिंह के एक्शन से पुलिस विभाग में हड़कंपः कोतवाल लाइन हाजिर, दारोगा निलंबित
एसएसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि भ्रष्टाचार और लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुकदमा दर्ज होने के साथ ही आरोपित सिपाही गजेंद्र को निलंबित कर दिया गया है। आरोपित के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए पूरे मामले की जांच एएसपी ऋजुल कुमार को सौंपी गई है। एएसपी की जांच रिपोर्ट के आधार पर सिपाही के खिलाफ विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। किशोरी से दुष्कर्म करने के मामले में अनूपशहर कोतवाली पुलिस पीड़िता एवं उसके पिता को कई दिन से टहला रही थी। किशोरी के पिता का आरोप था कि पुलिस ने शपथपत्र पर हस्ताक्षर कराकर उसे भगा दिया। एसएसपी के आदेश पर आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
एसएसपी ने मामले में लापरवाही बरतने पर अनूपशहर कोतवाली प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया है और दारोगा को निलंबित किया है। गुरुवार दोपहर पुलिस आफिस पहुंचे अनूपशहर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने बताया था कि लगभग सात माह पहले उसकी 14 वर्षीय बेटी जंगल में बकरियां चराने गई थी।
आरोप है कि गांव के ही 50 वर्षीय व्यक्ति ने उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया था। इसके बाद आरोपित और उसके साथियों ने उसकी बेटी के साथ कई बार दुष्कर्म किया गया। इस दौरान उसकी बेटी गर्भवती हो गई। 28 अप्रैल को उन्होंने अनूपशहर कोतवाली पहुंचकर तहरीर दी थी।
थाने से लौटा दिया था पिता
थाना पुलिस ने जांच कराने की बात कहकर तहरीर अपने पास लेकर रख ली। आरोपित व्यक्ति को बुलाकर रातभर थाने में रखा गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। आरोप है कि कोतवाली पुलिस ने ग्राम प्रधान पति एवं कुछ अन्य लोगों को बुलाकर एक शपथ पत्र बनवाकर उस पर उनके हस्ताक्षर करते हुए अपने पास रख लिए। इसके बाद उनको वहां से भगा दिया।
इस पर एसएसपी दिनेश कुमार सिंह के आदेश पर आरोपित ऋषिपाल के खिलाफ मुकदमा किया गया। साथ ही फैसला करा रहे तीन से चार के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया। इस मामले की जांच एसएसपी ने सीओ अनूपशहर रामकरन को दी थी।
सीओ की जांच के बाद एक्शन
सीओ की जांच में अनूपशहर कोतवाली प्रभारी महेन्द्र त्रिपाठी व दारोगा ऋषिपाल सिंह की लापरवाही उजागर हुई। इस पर एसएसपी ने अनूपशहर कोतवाली प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया, वहीं दारोगा ऋषिपाल को निलंबित कर दिया है।
रिश्वत मांगने वाला सिपाही निलंबित, एएसपी को सौंपी विभागीय जांच
एसएसपी ने रिश्वत मांगने के आरोपित सिपाही गजेंद्र को निलंबित कर दिया है। सिपाही ने चयनित अभ्यर्थी से मेडिकल परीक्षण में पास कराने के लिए 35 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। निलंबित सिपाही के खिलाफ विभागीय कार्रवाई किए जाने के लिए एएसपी ऋजुल कुमार को जांच सौंपी गई है। उधर कोतवाली नगर पुलिस ने एसएसपी के आदेश एवं अभ्यर्थी की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पुलिस लाइन में चल रहा है मेडिकल परीक्षण की जांच का काम
पुलिस भर्ती के लिए चयनित अभ्यर्थियों का पुलिस लाइन में मेडिकल परीक्षण की जांच का काम चल रहा है। इसके लिए आठ चिकित्सकों की टीम अर्थात दो मेडिकल बोर्ड द्वारा चयनित अभ्यर्थियों के मेडिकल की जांच कर उन्हें अनफिट एवं फिट घोषित किया जा रहा है। गुरुवार को अभ्यर्थी मनीष कुमार पुत्र जयप्रकाश निवासी ग्राम जखैता थाना शिकारपुर ने मेडिकल के दौरान वहां ड्यूटी पर तैनात मथुरा निवासी सिपाही गजेंद्र पर मेडिकल परीक्षण में फिट कराए जाने के लिए 35 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया। अभ्यर्थी ने इस बाबत वहां ड्यूटी दे रहे सीओ से मामले की शिकायत की।
सिपाही के खिलाफ केस दर्ज
सीओ की सूचना पर एसएसपी ने पुलिस लाइन पहुंचकर अभ्यर्थी एवं मेडिकल बोर्ड से बातचीत की और पीड़ित अभ्यर्थी की तहरीर पर सिपाही गजेंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को कोतवाली नगर के प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह राठौर को आदेश दिए। इसके बाद सिपाही के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
हालांकि मुकदमे में जमानती धारा होने के चलते आरोपित सिपाही को नोटिस तामील कराते हुए छोड़ दिया गया। आरोपित सिपाही गजेन्द्र 2016 में भर्ती हुआ था। उधर सीएमओ ने एसएसपी के निर्देश पर मेडिकल बोर्ड में शामिल सभी चिकित्सकों को हटाकर नए डाक्टरों की तैनाती की है।
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