Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस्तेमाल करते हैं गैस गीजर तो हो जाएं सावधान! बरतें ये सावधानियां, नहीं तो जा सकती है जान

    Updated: Mon, 15 Dec 2025 10:20 AM (IST)

    घरों में नहाते समय गैस गीजर का प्रयोग हो रहा है। कई बार बंद बाथरूम में गैस गीजर चलाकर नहाते समय बनने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड जानलेवा साबित होती है। ऐस ...और पढ़ें

    Hero Image

    प्रतीकात्मक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। सर्दी का मौसम आ गया है। ऐसे में घरों में नहाते समय तमाम घरों में गैस गीजर का प्रयोग हो रहा है। कई बार बंद बाथरूम में गैस गीजर चलाकर नहाते समय बनने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड जानलेवा साबित होती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अगर आप बाथरूम में गैस गीजर चालू करके नहाते हैं, तो ऐसा न करें। रविवार को शहर के देवीपुरा में 14 वर्षीय गरिमा की नहाते समय इसी लापरवाही के कारण मौत हो गई। इसलिए सावधानी जरूर बरतें। ताकि ऐसी दुखद दुर्घटना से बचा जा सके।

    कल्याण सिंह राजकीय मेडिकल कॉलेज के जिला महिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि अगर आपके बाथरूम में वेंटीलेशन की सुविधा नहीं है। तब आप गैस गीजर ऑन करके नहाते हैं तो गैस गीजर चलते समय ऑक्सीजन की कमी होने लगती है।

    कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बनने लगती है, जिसकी न गंध महसूस होती, न कोई रंग महसूस होता। आमतौर पर लोग लापरवाही ये बरतते हैं कि गीजर ऑन कर टोंटी से पानी निकलता रहता है और लोग नहाते रहते हैं।

    बाथरूम में अगर वेंटीलेशन नहीं है तो धीरे-धीरे आक्सीजन कम होने लगती है। हमें इसका एहसास नहीं होता। जब तक कुछ समझ पाते हैं, तब तक दिमाग पर असर हो जाता है और लोग बेसुध हो जाते हैं।

    बेहोश होने के बाद किसी को खबर नहीं लगती कि बाथरूम में अंदर क्या हो रहा है और आखिरकार ऑक्सीजन की कमी व सांस के रास्ते नथूनों व फेफड़ों तक में कार्बन मोनोऑक्साइड जाने से जान चली जाती है।

    यह भी पढ़ें- RRB परीक्षा के लिए मुरादाबाद से देहरादून के बीच चलेगी एग्जाम स्पेशल ट्रेन, ये होंगे स्टॉपेज 



    ऑक्सीजन की कमी से फेफड़ों पर पड़ता है असर

    डिप्टी सीएमओ डॉ. हरेंद्र सिंह बंसल ने बताया कि जब हमारे रक्त में ऑक्सीजन का स्तर कम होने लगता है तो हाइपोक्सिमिया हो जाता है। इसका फेफड़ों, हार्ट और दिमाग पर सीधा असर पड़ता है।

    चूंकि शरीर के सारे टिश्यू तक ऑक्सीजन का पहुंचना जरूरी है। हापोक्सिमिया होते ही आपके शरीर में ऑक्सीजन पहुंचना कम होने लगती है। ऐसे हालात में हम बुरी तरह से थक जाते हैं। फेफड़े प्रभावित होने लगते हैं। शरीर नीला पड़ने लगता है। दिमाग काम करना बंद कर देता है। तो जान चली जाती है।

    ये बरतें सावधानी

    • गैस गीजर को बाथरूम से बाहर ही लगाने का प्रयास करें
    • प्रयास करें कि बाथरूम में खिड़की जरूर हो और सिलिंडर तो बाहर ही होना चाहिए
    • खिड़की पर कपड़ा या कुछ ऐसा न ढंकें, जिससे कि हवा ही पास न हो सके
    • बेहतर तो यही रहेगा कि गैस गीजर से पहले पानी भर लें
    • बाल्टी या टब भर जाने के बाद इसे बंद कर दें। इसके बाद अंदर नहाने जाएं। इससे जान को खतरा ही नहीं रहेगा
    • नहाते वक्त अगर गैस गीजर चलाया है और सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो इसे सामान्य न लें, तुरंत बाथरूम की कुंडी खोलें
    • बाथरूम ऐसा हो जहां पर हवा की पासिंग होती रही
    • नहाते समय बाथरूम पूरी तरह से बंद नहीं होना चाहिए।
    • कोशिश हो कि बाथरूम के दो दरवाजे हों, जिसमें अंदर और बाहर से खुलने की सुविधा हो।