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    Ganga Water Label: बुलंदशहर में गंगा नदी के पानी में वृद्धि, मध्यम फ्लड की श्रेणी के पास पहुंचा गंगा का जलस्तर

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Saxena
    Updated: Thu, 24 Aug 2023 12:05 PM (IST)

    Bulandshahr News In Hindi पहाड़ों पर बारिश होने से गंगा नदी का जलस्तर अब यूपी में असर दिखाना शुरू कर रहा है। पिछले कुछ दिनों से जलस्तर में गिरावट हो रही थी। लेकिन अब फिर से जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है। यदि बैराज से अधिक मात्रा में पानी छोड़ा जाता है तो बाढ़ का खतरा बढ़ने की संभावनाएं हो सकती हैं।

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    मध्यम फ्लड की श्रेणी के समीप पहुंच गंगा का जलस्तर

    बुलंदशहर, जागरण संवाददाता। नरौरा के चौधरी चरण सिंह गंगा बैराज पर गंगा के जलस्तर में तीन दिनों से हो रही भारी गिरावट के बाद बुधवार की शाम को जलस्तर में पुनः वृद्धि दर्ज की गई। जिसके बाद से बैराज पर गंगा का जलस्तर मध्यम फ्लड के समीप पहुंच कर स्थिर हो गया।

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    जलस्तर बढ़ने से बढ़ेगा बाढ़ का खतरा

    सिंचाई विभाग के एसडीओ अंकित कुमार ने बताया की बुधवार की शाम छह बजे नरौरा के गंगा बैराज की डाउनस्ट्रीम में जलस्तर में वृद्धि हुई । जिसके बाद से गंगा का जलस्तर स्थिर है। गुरुवार की सुबह छह बजे डाउनस्ट्रीम में पानी की कुल उपलब्धता 178.11 मीटर दर्ज की गई। सुबह छह बजे नरौरा गंगा बैराज की अप स्ट्रीम में कुल 141721 क्यूसेक पानी की उपलब्धता दर्ज की गई। जबकि नरौरा गंगा बैराज से गंगा की डाउन स्ट्रीम में 126978 क्यूसेक प्रति सेकेंड की दर से पानी की निकासी की जा रही है। जिससे नरौरा के चौधरी चरण सिंह गंगा बैराज पर गंगा का जलस्तर मध्यम फ्लड की श्रेणी के समीप पहुंचा कर स्थिर हो गया है।

    अनूपशहर में दर्ज की गिरावट

    उधर,अनूपशहर में गंगाजल स्तर में 1 फुट की गिरावट दर्ज की गई है। पानी घटने के बाद जहान्वी प्लेटफार्म तथा लाल महादेव की मुख्य सड़क पर भरा पानी काफी कम हो गया है। गंगा के पानी में रोज उतार-चढ़ाव के चलते गंगा किनारे जीवन यापन करने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

    गंगा किनारे के लोग रहे सचेत

    एसडीएम नवीन कुमार ने बताया कि अब हरिद्वार व बिजनौर बैराज से 1,50000 क्यूसेक पानी ही छोड़ा जा रहा है। जिससे बाढ़ की संभावना कम है। वर्तमान में पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में अधिक वर्षा के कारण पानी बढ़ता है। यह स्थाई बाढ नहीं है। यदि बैराज से अधिक पानी छोड़ा जाता है, उस स्थिति में बाढ़ की हालात पैदा होते हैं। इसके बाद भी गंगा किनारे रहने वाले लोगों को बार-बार चेतावनी दी जाती है, कि वह अपने पशुओं को गंगा की ओर न जाने दें जिससे किसी प्रकार का हादसा हो।