65 की उम्र में कर रहे MEd, इससे पहले ले चुके 15 विषयों में मास्टर डिग्री, प्रेरणादायी है डॉ जहीर का जज्बा
Bulandshahr News बुलंदशहर के मौलाना डॉ. जहीर अहमद 65 वर्ष की उम्र में भी शिक्षा के प्रति समर्पित हैं। उन्होंने 15 विषयों में मास्टर डिग्री हासिल की है और अब एमएड कर रहे हैं। सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने एलएलएम किया। उनका कहना है कि शिक्षा को महत्व देना चाहिए। शिक्षा कभी बेकार नहीं जाती है।

अमर सिंह राघव, जागरण बुलंदशहर। लोग पैसा कमाने और एकत्र करने में जीवन गुजार देते हैं, लेकिन जिंदरियापुर निवासी सेवानिवृत्त मौलाना डॉ जहीर अहमद इससे जुदा हैं। 65 वर्षीय मौलाना डॉ जहीर अहमद के अंदर पढ़ाई का जज्बा आज भी बरकरार है। उनके पास 15 विषयों में मास्टर डिग्री हैं। पीएचडी, मौलवी के साथ ही सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स भी कर रखे हैं। अब वह चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से एमएड कर रहे हैं।
उनका मानना है कि किसी भी परिस्थिति में पढ़ाई नहीं छोड़नी चाहिए। पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती है। सदर ब्लाक के दरियापुर गांव निवासी मौलाना डॉ जहीर अहमद ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अलीगढ़ एमकाम किया था। एक जुलाई 1989 को शहर के मुस्लिम इंटर कालेज में वाणिज्य प्रवक्ता के रूप में तैनाती पाई थी।
डॉ जहीर अहमद का पढ़ाने के दौरान पढ़ाई का भी सिलसिला जारी रहा। चौधरी सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से अलग-अलग 15 विषयों पढ़ाई कर डिग्री ले रखी हैं। साल 2019 में वह मुस्लिम इंटर कालेज के प्रधानाचार्य बन गए। वह 31 मार्च 2022 में सेवानिवृत्त हो गए।
सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने एलएलएम किया। अब वह एमएड कर रहे हैं। उनके घर पर किताबों की मिनी लाइब्रेरी बना रखी है। इनका बड़ा बेटा फिनलैंड से पीएचडी कर रहा हैं। जबकि छोटा बेटा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस कर रहे हैं। बेटी ने भी पीएचडी कर रखी है। वह अन्य लोगों को पढ़ाई के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
सभी लोगों को शिक्षा के प्रति होना चाहिए समर्पित
मौलाना डॉ जहीर अहमद कहते हैं कि 'लोगों को शिक्षा का महत्व देना चाहिए। शिक्षा कभी बेकार नहीं जाती हैं। देश के विकास में अहम रोल निभाती है। इसलिए हर व्यक्ति को शिक्षा ग्रहण करना बंद नहीं करना चाहिए। सभी लोगों को शिक्षा के प्रति समर्पित होना चाहिए। लोगों को प्रेरित करने को निरंतर पढ़ाई कर रही हूं। सभी लोगों को अपनी पढ़ाई को जारी रखना चाहिए। मेरे पास 15 विषयों में मास्टर डिग्री और सर्टिफिकेट और डिप्लोमा भी है। लोगों को किसी भी परिस्थिति में पढ़ाई नहीं छोड़नी चाहिए। इस कारण लोगों को पढ़ाई के लिए निरंतर प्रेरित भी कर रहा हूं।'
मौलाना डॉ जहीर अहमद के पास इन विषयों में है मास्टर डिग्री
वाणिज्य, अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, उर्दू, हिंदी, संस्कृत, शिक्षाशास्त्र, इतिहास, राजनीति विज्ञान, समाज शास्त्र, दर्शनशास्त्र,लोक प्रशासन, एमबीए, एम.लिब, एलएलएम।
ये हैं सर्टिफिकेट और डिप्लोमा
सर्टिफिकेट इन अरबी, अरबी में डिप्लोमा,सांख्यिकी में डिप्लोमा, ग्रामीण विकास में परास्नातक डिप्लोमा, मौलवी, अदीब-ए-कामिल, मोअल्लिम उर्दू, फाजिल (आलिम)।
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